नैशनल मैडीकल कमीशन बिल के विरोध में डाक्टरों ने काले बिल्ले लगाकर किया प्रदर्शन

Edited By Punjab Kesari,Updated: 17 Mar, 2018 10:22 AM

national medical commission bill

देश भर के सरकारी मैडीकल अफसरों की तरफ से केंद्र सरकार का विरोध करने के लिए काले बिल्ले लगाकर केंद्रीय सेहत और परिवार कल्याण मंत्री जे.पी. नड्डा को मैमोरैंडम भेजा गया। ऑल इंडिया फैडरेशन ऑफ गवर्नमैंट डाक्टर्ज एसोसिएशन के आह्वान पर नैशनल मैडीकल कमीशन...

पटियाला (बलजिन्द्र, स.ह.): देश भर के सरकारी मैडीकल अफसरों की तरफ से केंद्र सरकार का विरोध करने के लिए काले बिल्ले लगाकर केंद्रीय सेहत और परिवार कल्याण मंत्री जे.पी. नड्डा को मैमोरैंडम भेजा गया। ऑल इंडिया फैडरेशन ऑफ गवर्नमैंट डाक्टर्ज एसोसिएशन के आह्वान पर नैशनल मैडीकल कमीशन के बिल के विरोध और केंद्र सरकार की तरफ से मैडीकल अफसरों की मांगें न मानने के विरोध में आज समूह मैडीकल अफसरों ने काले बिल्ले लगाकर रोष प्रकट किया। ऑल इंडिया फैडरेशन ऑफ गवर्नमैंट डाक्टर्ज एसोसिएशन के राष्ट्रीय एडीशनल महासचिव और रूरल मैडीकल सर्विसिजे एसोसिएशन पंजाब के प्रदेश प्रधान डा. असलम ने बताया कि समूह भारत के सरकारी संस्थानों में काम कर रहे गवर्नमैंट मैडीकल डाक्टरों में केंद्र सरकार प्रति रोष जताया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि 10 और 11 मार्च को पटना में हुई फैडरेशन की प्रांतीय कॉन्फ्रैंस में केंद्र सरकार के खिलाफ मोर्चा बांधने की घोषणा की थी, जिसके अंतर्गत 16 मार्च को समूह भारत के मैडीकल अफसरों की तरफ से जिला स्तर पर रोष प्रदर्शन करके डिप्टी कमिश्नरों द्वारा केंद्रीय सेहत व परिवार कल्याण मंत्री जे.पी. नड्डा को मैमोरैंडम भेजे गए। नैशनल मैडीकल कमीशन का विरोध करते हुए उन्होंने कहा कि नैशनल मैडीकल कमीशन में बहुत खामियां हैं और सरकार इसको तुरंत वापस ले। यदि सरकार मैडीकल अफसरों के साथ बातचीत करके इस मसले को नहीं सुलझाती तो जून से समूह भारत में पक्की हड़ताल शुरू कर दी जाएगी। उन्होंने कहा कि पूरे भारत में डाक्टरों की कमी का कारण केंद्र सरकार और प्रदेश सरकारों की बेरुखी है।इस वजह से हीलोगों को पूरे देश में सेहत सेवाएं नहीं मिल रही हैं। फैडरेशन की तरफ से केंद्रीय सेहत मंत्री को 11.8.2017 को कुछ सुझाव दिए गए थे, जिन पर केंद्र के सेहत विभाग ने कोई भी कार्रवाई नहीं की और फैडरेशन की मांगों को अनदेखा किया।

फैडरेशन की तरफ से अलग-अलग राज्य सरकारों में अलग पे-स्केल का भी खंडन किया जा रहा है। डाक्टरों की मांग है कि सेहत और परिवार कल्याण भारत सरकार की सैंट्रल काऊंसिल की 10वीं कॉन्फ्रैंस में लिए गए फैसले और जंगलवाला समिति की सिफारिशों को मंजूर कर समूचे भारत में सरकारी मैडीकल डाक्टरों को एक ही तनख्वाह स्केल दिया जाए। डा. असलम ने मांग की कि केंद्र सरकार मैडीकल ग्रांट कमीशन तैयार करे, जिसके अंतर्गत डाक्टरों के वेतन, भत्ते और उनके काम करने की सर्विस कंडीशन को तय करने के हक मैडीकल ग्रांट कमीशन को दिए जाएं। यह भी मांग की जा रही है कि इस मैडीकल कमीशन में सीनियर और नामवर डाक्टरों की एक समिति तैयार की जाए। उन्होंने मांग की कि रूरल मैडीकल अफसरों को और भारत के समूचे मैडीकल अफसरों को इन सॢवस 50 प्रतिशत एम.डी./एम.एस. कोर्सों में भी आरक्षण दिया जाए।इस मौके पर रूरल मैडीकल सर्विसिज एसोसिएशन पंजाब, पंजाब डाक्टर्ज एसोसिएशन, स्पैशलिस्ट डाक्टर्ज एसोसिएशन की तरफ से सेहत और परिवार कल्याण मंत्री जे.पी. नड्डा को मैमोरैंडम भी भेजा गया। पंजाब के समूह सरकारी डाक्टरों ने काले बिल्ले लगाकर मरीज देखे 
और सरकार का विरोध किया।

Related Story

Trending Topics

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!