श्री काली माता मंदिर के चढ़ावे पर चढ़ीं चुनरियां और नारियलों को बेचने से भड़के हिंदू संगठन

Edited By swetha,Updated: 04 Dec, 2018 11:29 AM

kali mata mandir patiala

श्री काली माता मंदिर का प्रबंध पंजाब सरकार के अधीन है। सरकार ने डिप्टी कमिश्नर को मंदिर कमेटी का चेयरमैन नियुक्त किया हुआ है। डिप्टी कमिश्नर की तरफ से किए गए कई फैसलों पर हिंदू संगठनों को बेहद ऐतराज है। पिछले 3 माह दौरान मंदिर की कार्य प्रणाली में...

पटियाला(इंद्रजीत): श्री काली माता मंदिर का प्रबंध पंजाब सरकार के अधीन है। सरकार ने डिप्टी कमिश्नर को मंदिर कमेटी का चेयरमैन नियुक्त किया हुआ है। डिप्टी कमिश्नर की तरफ से किए गए कई फैसलों पर हिंदू संगठनों को बेहद ऐतराज है। पिछले 3 माह दौरान मंदिर की कार्य प्रणाली में किए बदलावों के कारण माता के भक्तों में भारी गुस्सा है। इस संबंधी शहर के करीब 101 माता के भक्तों ने पटियाला के डिप्टी कमिश्नर के साथ मुलाकात की और 7 सूत्रीय मैमोंरैंडम दे कर सुधार की मांग की।

स्वतंत्र राज पासी के नेतृत्व में वफद ने कहा कि मां काली के मंदिर में जो नारियल मां काली को अर्पित किया जाता है वह बाजार में क्यों  बेचा जा रहा है? मां काली के  मंदिर में छोटी और बड़ी चुनरियां श्रद्धालुओं को प्रसाद रूप में न दे  कर सरकार की तरफ से बाजार में क्यों बेची जा रही हैं? उन्होंने मंदिर प्रबंधक कमेटी पर आरोप लगाते हुए कहा कि कोई भी पदार्थ, चाहे वह सामग्री हो, दक्षिणा हो या भोग आदि, वे इसलिए मां के श्री चरणों में अर्पित की जाती है कि उनकी मन्नत पूरी हुई है। 

पुरानी सिक्योरिटी को बीच में ही रद्द किया गया
उन्होंने यह भी कहा कि पिछले कुछ समय से पुरानी सिक्योरिटी को बीच में ही रद्द करके नई सिक्योरिटी माता के मंदिर के अंदर लगाई गई। जो वास्तव में सिक्योरिटी नहीं, बल्कि बाऊंसर्ज हैं, जिस कारण मंदिर में आए भक्तों की भावनाओं को ठेस पहुंच रही है। प्रसिद्ध समाज सेवक और रोटरी क्लब के पूर्व डिस्ट्रिक्ट गवर्नर स्वतंत्र राज पासी ने कहा कि भारत के मुख्य त्यौहारों जैसे मेले आदि में भी लाखों की संख्या में रोज श्रद्धालु मां गंगा के दर्शन करने जाते हैं। वहां बाऊंसरों की कोई व्यवस्था नहीं परन्तु यहां की गई बाऊंसरों की नियुक्ति को लेकर हजारों भक्तों की भावनाओं को ठेस पहुंच रही है। उनका व्यवहार और शिष्टाचार मंदिर और भक्तों के माहौल के बिल्कुल उलट है। उन्होंने कहा कि सुरक्षा का मतलब भक्तों का सम्मान है तो यह बेइज़्जती क्यों?

संस्थाओं और समाज सेवियों द्वारा मंदिर के चेयरमैन डिप्टी कमिश्नर को दिए मैमोरैंडम में कहा गया है कि इस पर गंभीरता के साथ विचार कर इनके हल की कोशिश की जाए जिससे सद्भावना का माहौल बना रहे सके, नहीं तो समाज और शहर में इसका बुरा प्रभाव पड़ेगा। डिप्टी कमिश्नर और मंदिर कमेटी के चेयरमैन कुमार अमित ने कहा कि उनको मैमोरैंडम प्राप्त हुआ है और 5 दिसंबर को मंदिर कमेटी की मीटिंग में इस बारे विचार विमर्श करेंगे।

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