Edited By Punjab Kesari,Updated: 13 Jun, 2018 08:50 AM
भारतीय किसान यूनियन (एकता) डकौंदा ने राज्य प्रधान बूटा सिंह बुरजगिल और सूबा जनरल सचिव जगमोहन सिंह के नेतृत्व में स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के माल रोड पटियाला स्थित मुख्य दफ्तर आगे बैंक का मुख्य गेट बंद करके दफ्तर का घेराव किया।
पटियाला (जोसन/ परमीत/राणा) : भारतीय किसान यूनियन (एकता) डकौंदा ने राज्य प्रधान बूटा सिंह बुरजगिल और सूबा जनरल सचिव जगमोहन सिंह के नेतृत्व में स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के माल रोड पटियाला स्थित मुख्य दफ्तर आगे बैंक का मुख्य गेट बंद करके दफ्तर का घेराव किया।
किसानों में बैंक अधिकारियों विरुद्ध बहुत आक्रोश और रोष था। धरने को संबोधित करते अलग-अलग वक्ताओं ने बताया कि किसानों को अपनी फसल और अन्य खेती के साथ संबंधित घरेलू जरूरतों के लिए कर्ज लेते समय जहां बैंक किसानों की जमीन या कोई अन्य जायदाद की गारंटी लेते हैं। वहीं साथ ही किसानों से खाली चैकों पर हस्ताक्षर करवा कर अपने पास रख लेते हैं। किसानों को खेती में लगातार पड़ रहे घाटों कारण, किसी कुदरती आपदा कारण या किसी अन्य कारण जब समय पर कर्ज की अदायगी करने में देरी हो जाती है तो बहुत से बैंकों के अधिकारियों द्वारा किसानों के हस्ताक्षर किए खाली चैक ब्रांच में लगाकर खातों में पैसे न होने के कारण बाऊंस करवा कर किसानों के विरुद्ध फौजदारी धाराएं 420, 138 आदि के अंतर्गत केस दर्ज करवा दिए जाते हैं। इस कारण बहुत से किसानों को आगे जमानत करवानी पड़ती है या कई बार जेल जाना पड़ता है। नेताओं ने कहा कि यह व्यवहार बहुत ही अमानवीय, आपराधिक, गैर-लोकतांत्रिक और जलालत भरा है जिस कारण कई बार किसान खुदकुशी भी कर लेते हैं। कई बार तो खाली चैकों के आधार पर केस भी दूर-दूर के स्थानों पर दर्ज करवाए जाते हैं।
ये रहे उपस्थित
किसानों की मांगें
वक्ताओं ने मांग की कि किसानों विरुद्ध खाली चैकों के आधार पर किए केस वापस लिए जाएं, किसानों से लिए हुए खाली चैक वापस किए जाएं, आगे से कर्ज की अदायगी समय खाली चैक लेने का गैर-कानूनी और गैर-मानवीय अमल बंद किया जाए। धरने उपरांत सूबा समिति द्वारा बैंक के मुख्य अधिकारी को उपरोक्त मांग पत्र दिया गया। नेताओं ने चेतावनी दी यदि उपरोक्त मांगें न मानी गई तो संगठन को किसानों के हक में ले जाते मजबूरन बैंकों विरुद्ध तेज संघर्ष आरंभ करना पड़ेगा।