Edited By Punjab Kesari,Updated: 01 Feb, 2018 06:36 PM
मुख्यमंत्री कै. अमरेंद्र सिंह व सेहत मंत्री ब्रह्म मङ्क्षहद्रा के जिले के रियासती शहर नाभा का सिविल अस्पताल प्रशासन की अनदेखी कारण खुद बीमार होकर इलाज के लिए तरस रहा है। हालांकि सरकार की तरफ से मरीजों की सुविधाओं के लिए अनेक स्कीमें चल रही हैं,...
नाभा(जैन): मुख्यमंत्री कै. अमरेंद्र सिंह व सेहत मंत्री ब्रह्म मङ्क्षहद्रा के जिले के रियासती शहर नाभा का सिविल अस्पताल प्रशासन की अनदेखी कारण खुद बीमार होकर इलाज के लिए तरस रहा है। हालांकि सरकार की तरफ से मरीजों की सुविधाओं के लिए अनेक स्कीमें चल रही हैं, परन्तु सफाई के बुरे प्रबंधों कारण आम लोगों का भरोसा कैबिनेट मंत्री साधु सिंह धर्मसोत के हलके अस्पताल से उठ गया है।
सिविल अस्पताल में आवारा पशु धड़ल्ले के साथ घूमते हैं जो मरीजों, वारिसों, डाक्टरों और स्टाफ के लिए जानलेवा साबित हो रहे हैं। जगह-जगह फैली गंदगी और कूड़ा-कर्कट से मरीजों के वारिस भी परेशान हैं। बार एसो. के प्रधान ज्ञान सिंह मूंगो एडवोकेट ने बताया कि वाहन स्टैंड की कथित लूटमार और अस्पताल में खराब प्रबंधों कारण लोग दुखी हैं, जिस कारण एक्शन कमेटी का गठन करके आंदोलन करने के लिए अल्टीमेटम दिया है। समाज सेवक सुरजीत सिंह एडवोकेट, रवनीश गोयल महासचिव अग्रवाल सभा, शांति प्रकाश छाबड़ा प्रधान बहावलपुर समाज के अलावा अनेक संस्थाओं ने अस्पताल में सुधार की मांग की है।
डा. हरजिंदर सिंह दयोल मंडल भाजपा प्रधान देहाती व रमेश कुमार शहरी प्रधान अनुसार अस्पताल में लंबे समय से रेडियोलॉजिस्ट डाक्टर, चमड़ी रोग माहिर डाक्टर और ई.एस.आई. में 2 डाक्टरों की पोस्टें खाली होने के कारण लोग दुखी हैं जबकि 4 महिला डाक्टरों के पतिदेव ने शहर में आलीशान प्राइवेट अस्पताल खोल रखे हैं, जिस करके कुछ सरकारी डाक्टर प्राइवेट दुकानदारी को पहल देते हैं व ओ.पी.डी. में बैठते ही नहीं। एस.एम.ओ. डा. दलवीर कौर का कहना है कि गंदगी रोकने के लिए दीवार का निर्माण किया जा रहा है। समाज सेवक दीदार सिंह का कहना है कि वार्डों के समीप कूड़ा-कर्कट और गंदगी फैलने से मरीज दुखी हैं। कई-कई दिल बैड शीटें तबदील नहीं की जातीं। पिं्रसीपल सैक्रेटरी सेहत विभाग को अचानक चैकिंग करके एक्शन लेना चाहिए।