SYL के खिलाफ फैसला आया तो पंजाब में पनप सकता है आतंकवादः कैप्टन

Edited By Punjab Kesari,Updated: 06 Jun, 2017 04:49 PM

syl will become a national problem if verdict goes against us captain

मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह ने सतलुज यमुना लिंक (एस.वाई.एल.) नहर के मामले को लेकर चल रही सियासत को सोमवार को यह कहकर और गरमा दिया कि अगर इस मामले में फैसला पंजाब के खिलाफ गया, तो अमरेंद्र रहे या न रहे, लेकिन एस.वाई.एल. राष्ट्रीय समस्या बनेगी।

चंडीगढ़ः मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह ने सतलुज यमुना लिंक (एस.वाई.एल.) नहर के मामले को लेकर चल रही सियासत को सोमवार को यह कहकर और गरमा दिया कि अगर इस मामले में फैसला पंजाब के खिलाफ गया, तो अमरेंद्र रहे या न रहे, लेकिन एस.वाई.एल. राष्ट्रीय समस्या बनेगी। उन्होंने कहा कि पानी के अधिकार को लेकर पंजाब में एक बार फिर से आतंक फैल सकता है।  


मुख्यमंत्री इंडिया न्यूज (पंजाब) चैनल की शुरूआत के अवसर पर बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्री को विनती की है कि वह भारत की शांति और स्थिरता के लिए और पंजाब के हितों में जल संसाधन विभाग के द्वारा एस.वाई.एल. मुद्दे पर समझौते के लिए बातचीत आरंभ करवाएं। 


कैप्टन अमरेंद्र सिंह ने कहा कि यदि एस.वाई.एल. का प्रस्ताव पंजाब की चिंताओं को संबोधित करने वाला ना हुआ तो पंजाब को पुन: आंतकवाद के काले दौर में धकेला जाएगा। उन्होंने कहा कि इस प्रकार की नाकारत्मक घटना राज्य में बड़ा संकट पैदा कर सकती है। उन्होंने कहा कि राज्य में खालिस्तानी, नकसलवादी तथा मुज़ाहिरा लहरों सहित सभी आंतकवादी लहरे दक्षिण पंजाब से आरंभ हुई जोकि एस.वाई.एल. नहर के निर्माण से सबसे अधिक प्रभावित होगा। 


राज्य को विनाशकारी स्थिति में धकेलने के लिए अकालियों पर आरोप लगाते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि अकाली पंजाब को प्राकृतिक स्त्रोतो से वंचित करने के लिए जिम्मेवार है जोकि राज्य के विभाजन के परिणाम के तौरपर हिमाचल प्रदेश और हरियाणा को चले गए। 


उन्होंने कहा कि कम भूमि होने के बावजूद हरियाणा को अधिक पानी मिला परंतु पंजाब को यमुना नदी में से पानी का कोई हिस्सा प्राप्त नही हुआ। उन्होंने कहा कि इस समस्या की जड़ राज्य की बांट और उस समय स्त्रोतों की बेतरतीब बांट में से ढूंढी जा सकती हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि पंजाब के पास अपनी भूमि की सिंचाई के लिए भी पानी नही है। उन्होंने कहा कि 25 प्रतिशत से भी कम सिंचाई नहरों द्वारा होती है और राज्य के कृषि चलते रहने के लिए असक्षम हो गई है। 


 राज्य में कृषि को पुन: लाभप्रद बनाने का वायदा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार कृषि विविधता के लिए सुविधांए मुहैया करवाने के लिए बहुत सारी पहलकदमियां कर रही है और गेंहू एवं धान से नही बल्कि अन्य फसलों द्वारा नव हरित क्रांति ला रही है। 

Related Story

Trending Topics

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!