Edited By Rahul Rana,Updated: 05 May, 2021 08:53 PM
यह हैं समाजसेवी आलम जीत सिंह मान। आलम जीत सिंह मान पिछले 32 अज्ञात शवों का दाह संस्कार करते आ रहे हैं जिनका यह मानना है कि इससे बड़ा पुण्य का कोई काम नहीं हो सकता वह गरीब और बेसहारा उन लोगों की मदद करते हैं जो अपने लोगों का दाह संस्कार भी नही कर...
यह हैं समाजसेवी आलम जीत सिंह मान। आलम जीत सिंह मान पिछले 32 अज्ञात शवों का दाह संस्कार करते आ रहे हैं जिनका यह मानना है कि इससे बड़ा पुण्य का कोई काम नहीं हो सकता वह गरीब और बेसहारा उन लोगों की मदद करते हैं जो अपने लोगों का दाह संस्कार भी नही कर सकते। जिनका कहना है कि कोई भी जो गरीब है और इसका खर्चा वहन नही कर सकता वो उन्हें संपर्क कर सकता है जिनका कहना है लेकिन उन्होंने इससे पहले कभी ऐसा नहीं देखा था जैसा अब हो रहा है पिछले डेढ़ साल घोर कलयुग आया है लोग अपनो के शव को हाथ नही लगाते। बच्चे अपने माँ बाप की बॉडी को अंतिम समय मे कंधा नही देते।