मंत्री का रसोईया बना 26 करोड़ की खदान का मालिक,सियासी गलियारे में हलचल

Edited By Updated: 25 May, 2017 04:15 PM

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पंजाब के बिजली व सिंचाई मंत्री राणा गुरजीत सिंह  की शूगरज लिमिटिड के दफ्तर में मुलाजिमों को परांठे खिलाने वाला रसोईया अमित बहादुर आज राज्य की सबसे महंगी रेत और बजरी की खदान का मालिक बन गया।

चंडीगढ़ः पंजाब के बिजली व सिंचाई मंत्री राणा गुरजीत सिंह  की शूगरज लिमिटिड के दफ्तर में मुलाजिमों को परांठे खिलाने वाला रसोईया अमित बहादुर आज राज्य की सबसे महंगी रेत और बजरी की खदान का मालिक बन गया। इसके बाद पंजाब -हरियाणा हाईकोर्ट के वकील  एच.सी.अरोड़ा ने मीडिया रिपोर्ट के हवाले से अारोप लगा इसकी जांच की मांग की।

 

दरअसल शुक्रवार को खदान की ई नीलामी हुई जिसमें बहादुर ने शहीद भगत सिंह नगर (नवांशहर) के सैदपुर खुर्द की खदान की 26.51 करोड़ रुपए में बोली लगा दी। इस बोली दौरान उसने 32 लोगों को पछाड़ा। बहादुर पंजाब के बिजली और सिंचाई मंत्री राणा गुरजीत सिंह की  राणा शुगर मिल्लज में रसोईए को तौर पर काम करता है। यही नहीं  कम से कम तीन अन्य मुलाजिमों ने 19 और 20 मई को रेत और बजरी की 89 खदानों की हुई ई नीलामी में सफलता हासिल की। 

 

अमित बहादुर  की वफादारी कारण उसे निजी सहायक बनाया गया था और हाल ही में कंपनी के मानवीय स्रोत विभाग में तबदील किया गया। इस तरह  एक साधारण व्यक्ति द्वारा 26 करोड़ रुपए की  बोली लगाने के बाद सियासी गलियारे में सुगबुगाहट शुरु हो गई है। जब इस विषय में अमित बहादुर के साथ संपर्क किया तो उसने पुष्टि की कि वह राणा शूगरज लिमिटिड का मुलाजिम है और वह खदानों की बोली लगाने में सफल रहा। उसने कहा कि वह मुरादाबाद से सम्बन्धित है। उसके पिता नेपाल से आ कर लम्बा समय पहले उत्तर प्रदेश में बस गए थे। जब अमित को पूछा गया कि वह 26 करोड़ रुपए का  व्यवस्था कैसे करेगा तो खद को छोटा -मोटा मुलाजिम बताने वाले इस शख्स का कहना था, ‘‘कोशिश करने से सब मिल जाएगा।’’  


वहीं इस बोली के बाद कैप्टन अमरेंद्र सरकार की कैबिनेट के मंत्री राणा गुरजीत सिंह की मुश्किलें बढ़ गई हैं।  राणा  पर पहले पद का दुरुपयोग करके लाभ प्राप्त करने के अारोप लगे थे और अब अरोड़ा ने ई. डी. (इनफोरसमैंट डायरैक्टोरेट) को एक पत्र लिख कर अखबार की कटिंग के साथ ई -मेल किया है कि राणा गुरजीत के रसोइया और राणा गुरजीत की शुगर मिल के चार छोटे मुलाजिमों ने लगभग 50 करोड़ रुपए की रेत की खदान खरीदीं हैं।  एडवोकेट अरोड़ा ने कहा कि मैं ई. डी. को चिट्ठी लिख कर इसकी जानकारी दी है और इसकी जांच की मांग की है। अरोड़ा ने उम्मीद जताई है कि ई. डी. की तरफ से इस मामले की सच्चाई जनता के सामने लाई जाएगी। 

 

मंत्री ने अारोपों को नकारा

अपने ऊपर लगने वाले अारोपों का खंडन करते  का बचाव करते हुए पंजाब के कैबिनेट मंत्री राणा गुरजीत ने कहा कि अमित और बलराज मेरे मुलाजिम जरूर थे पर अब वह कैप्टन रंधावा के साथ है। यदि कैप्टन रंधावा ने उन्हें कुछ हिस्सा देकर या उनकी मदद करके सफल बोली लगाई है तो इसमें मैं क्या कर सकता हूं। मैं अमित ,बलराज और कैप्टन रंधावा को भली भांति जानता हूं और यह सब बाजपुर के ही रहने वाले हैं और कैप्टन रंधावा मेरे अच्छे दोस्तों में से हैं। उन्होंने कानूनी ढंग से सबसे ज्यादा बोली देकर यह ठेके लिए है। विपक्षी दलों का काम बुराई करना है और उन्हें उनका काम करने दें।  उन्होंने यह भी कहा कि अमित रसोईए का काम नहीं करता था वह निजी सचिव था।


 

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