Edited By Punjab Kesari,Updated: 11 Sep, 2017 01:08 PM
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने पंचकूला में जुटी भीड़ और भारी हिंसा का ठीकरा पंजाब पर फोड़ दिया है। उन्होंने कहा है कि रेप मामले में दोषी करार दिए जाने के तुरंत बाद राम रहीम को पंचकूला कोर्ट से भगाने के पीछे पंजाब पुलिस के पुलिसकर्मियों की...
चंडीगढ़/अमृतसरः हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने पंचकूला में जुटी भीड़ और भारी हिंसा का ठीकरा पंजाब पर फोड़ दिया है। उन्होंने कहा है कि रेप मामले में दोषी करार दिए जाने के तुरंत बाद राम रहीम को पंचकूला कोर्ट से भगाने के पीछे पंजाब पुलिस के पुलिसकर्मियों की साजिश थी।
दिल्ली में एक टीवी चैनल पर खट्टर ने कहा, ‘दुर्भाग्य यह भी है कि उनको जेड सिक्योरिटी हरियाणा ने दी थी, लेकिन आठ पुलिसकर्मी पंजाब पुलिस के थे।
ये किस अथॉरिटी से भेजे गए हमें मालूम नहीं, हमारी पुलिस के पास एक-एक वेपन था, उन आठ के आठ पुलिसवालों के पास दो-दो वेपन थे। हरियाणा के पांचों कमांडो को हमने बर्खास्त कर दिया है। पंजाब के कमांडों को भी पकड़ लिया है। ये बहुत बड़ी कॉन्सपिरेसी थी कि अगर बाबा को सजा हो जाएगी तो हम निकाल करके, छुड़ा करके भाग जाएंगे लेकिन हमारी पुलिस, पैरामिलिट्री फोर्स ने उनकी साजिश को विफल कर दिया।’
यह पूछे जाने पर कि क्या समर्थकों को पंचकूला में इकट्ठा होने देने के लिए उन पर बाबा की तरफ से दबाव डाला गया था, खट्टर ने कहा, ‘हमारे ऊपर कोई प्रेशर नहीं था, लेकिन यह जरूर है कि जो पिछले अनुभव है वो हमको ध्यान में थे।
यह पूछे जाने पर कि एक लाख समर्थकों को पंचकूला क्यों आने दिया गया, खट्टर ने कहा, ‘हमने कोई उनका स्वागत नहीं करवाया था। हमने बसें रोक दी, हमने ट्रेन्स रोक दी, हमने पंचकूला के इर्द-गिर्द 17 नाके लगाए, लेकिन जो रहे थे, वो उनकी ब्लाइंड फॉलोविंग थी। ऐसे अंधभक्त जिन्हें कुछ नहीं पता कि बाबा असलियत में क्या है।
पता नहीं किस किस रास्ते से आए, बहुत बड़ी संख्या में पंजाब से लोग आए, सिर्फ 30 पर्सेंट सीमा पंचकूला की हरियाणा के साथ लगती है, बाकी 70 पर्सेंट सीमा तो पंजाब या चंडीगढ़ के साथ है। हिमाचल-पंजाब का हाईवे नंबर 22, वो बिल्कुल ओपन है, उसे हम बंद नहीं कर सकते थे।’ इधर भी लोगों का पंचकूला की तरफ आना हुआ।
पंजाब के मुख्यमंत्री कार्यालय ने सख्त नोटिस लिया
वहीं खट्टर की बात का पंजाब के मुख्यमंत्री कार्यालय ने सख्त नोटिस लिया है। सी.एम.ओ. के एक अधिकारी का कहना है कि इसमें पंजाब सरकार का क्या दोष है। हरियाणा सरकार अपनी नाकामियों को छिपाने के लिए पंजाब सरकार पर आरोप मढ़ रही है।
मुख्यमंत्री कार्यालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि वी.आई.पी. लोगों को सुरक्षा देना सरकार की जिम्मेदारी होती है। आमतौर पर ऐसे लोगों के साथ लगाए गए सुरक्षाकर्मी जल्दी हटाए भी नहीं जाते हैं। अगर कोई मुलाजिम किसी के प्रभाव में आ जाए तो सरकार को तो दोषी नहीं ठहराया जा सकता। हरियाणा के मुख्यमंत्री कह रहे हैं कि पंजाब के बॉर्डर से लोग पंचकुला पहुंचे।
उन्हें यह भी तो स्पष्ट करना चाहिए कि क्या घटना से पहले उन्होंने पंजाब सरकार के साथ कोई संपर्क साधा था, क्या उन्होंने पंजाब में लोगों को रोकने के लिए कहा था। हकीकत यह है कि हरियाणा सरकार ने ऐसा कुछ भी नहीं किया।