Edited By Punjab Kesari,Updated: 29 Aug, 2017 10:34 AM
मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह का कहना है कि डेरा सच्चा सौदा की वजह से राज्य में बुलाए गए अर्धसैनिक बलों का खर्च भी डेरे से ही वसूला जाएगा।
चंडीगढ़ः मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह का कहना है कि डेरा सच्चा सौदा की वजह से राज्य में बुलाए गए अर्धसैनिक बलों का खर्च भी डेरे से ही वसूला जाएगा। इसके लिए बाकायदा हाईकोर्ट से अपील की जाएगी। आखिर अर्धसैनिक बल का खर्च पंजाब क्यों उठाए। साथ ही उन्होंने कहा कि सार्वजनिक व निजी संपत्ति को हुए नुकसान के आकलन के लिए डिप्टी कमिश्नरों को बोल दिया गया है। रिपोर्ट आते ही हाईकोर्ट में लिस्ट दे दी जाएगी।
डेरा प्रमुख को लेकर उत्पन्न हुए तनाव के कारण पंजाब में 85 अर्धसैनिक बलों को बुलाना पड़ा था। 75 कंपनियां तो 21 अगस्त को ही मिल गई थीं जबकि 10 कंपनियां 24 अगस्त को मिली थीं। इसके अलावा 25 अगस्त को डेरा प्रमुख के खिलाफ फैसला आने के उपरांत 10 जिलों में सेना बुलाई गई थी। अर्धसैनिक बलों पर पंजाब को एक दिन में करीब 1.50 करोड़ रुपये का खर्च उठाना पड़ रहा है। गृह विभाग का अनुमान है कि अर्धसैनिक बल और सेना पर करीब 25 करोड़ रुपए का खर्च आ सकता है।
मुख्यमंत्री का कहना है कि जो भी खर्च होगा, उसे डेरा से वसूलने के लिए हाईकोर्ट से अपील की जाएगी, क्योंकि डेरे के कारण तनाव पैदा हुआ। 11, 000 पुलिस मुलाजिमों को सड़कों पर उतारना पड़ा। यह खर्च पंजाब क्यों उठाए? यह पैसा पंजाब के लोगों का है, इसलिए डेरा से ही खर्च वसूला जाएगा।
लोगों को हुए नुकसान के संबंध में कैप्टन ने कहा कि राज्य में 52 जगहों पर तोडफ़ोड़ और आगजनी की घटनाएं हुई हैं। हालांकि काफी जगहों पर घटनाएं छोटी थीं। डीसी को नुकसान का अंदाजा लगाकर अपनी रिपोर्ट देने के लिए कहा गया है। यह रिपोर्ट आते ही हाईकोर्ट को सौंपा जाएगा। यहां बता दें कि हाईकोर्ट ने पहले ही निर्देश दिए हैं कि जो भी नुकसान होगा, उसका भुगतान डेरे की संपत्ति से किया जाएगा।
मुख्यमंत्री कैप्टन सिंह ने डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह को सुनाई गई 10-10 साल की सजा पर कोई टिप्पणी नहीं की। उन्होंने कहा, कोर्ट का फैसला है, मैं इस पर टिप्पणी नहीं कर सकता। मेरा काम कानून व्यवस्था को बनाए रखने का था, जो पंजाब सरकार ने किया।मुख्यमंत्री 25 अगस्त को पंचकूला में हुई हिंसा और सेना द्वारा चलाई गई गोली में मारे गए पंजाब के 11 डेरा प्रेमियों को 'शहीद' कह बैठे। बाद में उन्होंने अपने शब्दों में सुधार करते हुए सवाल किया, गोलीकांड में मारे गए हैं और क्या कहा जाए।