लश्कर की सबसे बड़ी पाठशालाः इस्लामिक स्टडी सैंटर में तैयार हो रहे आतंकी

Edited By Punjab Kesari,Updated: 13 Jul, 2017 12:58 PM

amaranth terror attack

लश्कर का इस्लामिक स्टडी सैंटर लाहौर से 15 किलोमीटर दूर नार्थ वैस्ट लाहौर के गुजरांवाला रोड पर मुरीदी में है। इसका प्रमुख मौलवी अब्दुल

जालंधरः लश्कर का इस्लामिक स्टडी सैंटर लाहौर से 15 किलोमीटर दूर नार्थ वैस्ट लाहौर के गुजरांवाला रोड पर मुरीदी में है। इसका प्रमुख मौलवी अब्दुल सलाम बटबी है, जबकि लाहौर का सैफ वलाह कसूरी (50), फैसलाबाद का अबू साद सईद (40), जेहलम निवासी अबू सीद सहबीर (35) और स्यालकोट निवासी हफीज अब्दुल जब्बार (35) इसके संचालक हैं। इस सैंटर का नाम मुदरकी मारकीजे तैयबा है और यह 200 से 250 एकड़ में फैला हुआ है। इसके चारों तरफ  10 मीटर ऊंची तार लगी है, जिसकी सुरक्षा का जिम्मा लश्कर के कमांडोज के पास है। सैंटर में 3 से 4 हजार तक आतंकवादी होते हैं, जिनको 400 लोगों का स्टाफ  प्रशिक्षण देता है। यह लश्कर की सबसे बड़ी पाठशाला है। यहां नए शामिल युवकों को मानसिक रूप से संगठन के लिए तैयार किया जाता है। इसके साथ-साथ इनको तैराकी, विदेशी भाषाएं व निशानेबाजी का भी प्रशिक्षण दिया जाता है। सैंटर में कश्मीरी, पाकिस्तानी के साथ-साथ खाड़ी के देशों, इंडोनेशिया और कुवैत से भर्ती किए गए युवकों को भी प्रशिक्षण दिया जाता है। प्रशिक्षण के बाद इनको अशकरी विंग के हवाले कर दिया जाता है।

मुजफ्फराबाद है मुख्यालय इसका मुख्यालय 
मुजफ्फ राबाद बस अड्डे से 7 किलोमीटर दूर बियुटल मुजाहिद में है। यह 300 एकड़ में फैला है। मुख्यालय में हर समय 700 आतंकवादी रहते हैं। लश्कर ने इस विंग के 11 कमांडर बनाए हैं, जो प्रशिक्षण के काम की देख-रेख करते हैं। यहां का प्रमुख कमांडर मुजफ्फ राबाद का अबू अल्माद (45) है। अन्य कमांडरों में अबू मन्जा, मुजफ्फ राबाद (35, अबू दवाना कोटी (35), अबू साद का रहने वाला डेरा गाजी खान (35), आथ मुकाम का रहने वाला अबू अल हुसैन (35), कोटी का रहने वाला ताया जी (55), अबू जहद, मुजफ्फ राबाद (35), अबू वलाल, मुजफ्फ राबाद (35), नशर जुवैद, मुजफ्फ राबाद (35), नशर जुवैद, मुजफ्फ राबाद (35), अबू दाऊद, मुजफ्फ राबाद (45) और अबू वरलद मुजफ्फ राबाद (35) शामिल हैं। ये सभी लश्कर के पुराने आतंकवादी हैं और 10 सालों से कश्मीर में सक्रिय हैं।

किस कैंप में कैसा प्रशिक्षण
उसर कौरा कैंप

नए भर्ती युवकों को 21 दिन का प्रशिक्षण दिया जाता है, उनको ए.के. 47 राइफल से लेकर छोटे पिस्टल चलाते तक की ट्रेनिंग दी जाती है। वारदातें करने की अनुमति नहीं दी जाती है।

अकासा कैंप
उमर कौरा से प्रशिक्षण प्राप्त आतंकवादियों को अकासा कैंप में आगे का प्रशिक्षण दिया जाता है। यह 3 महीने का प्रशिक्षण होता है, जिसमें प्रमुख कमांडो ट्रेनिंग होती है। कैंप में गन से लेकर एल.एम.जी. और दूसरे घातक हथियार चलाने सिखाए जाते है। आत्मघाती हमले का प्रशिक्षण भी यही मिलता है। यहां प्रशिक्षण देने के बाद ही आतंकवादियों को जमू कश्मीर भेजा जाता है।

कैंप अब्दुल्ला बिन मसूद
यहां खास चुने हुए आतंकवादियों को 5 महीने की विशेष कमांडो ट्रेनिंग दी जाती है। दूसरे शब्दों में कहे तो यह खास मिशन के लिए आतंकवादी तैयार किए जाते हैं।

कैंप मसकत
इसमें विदेशी युवकों को प्रशिक्षण  दिया जाता है। इनमें इस समय खाड़ी के देशों, इंडोनेशिया और कुवैत से आए युवकों का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। मुंबई हमले से पहले भी ऐसे ही कैंप चलाए गए थे। 

Related Story

Trending Topics

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!