मामला बुड्ढे नाले को प्रदूषण मुक्त बनाने का, निगम को सुप्रीम कोर्ट से भी नहीं मिली राहत

Edited By Urmila,Updated: 30 Mar, 2024 11:30 AM

the matter of making budhe nalla pollution free

इनमें से ताजपुर रोड, सुंदर नगर, उपकार नगर व हैबोवाल के नजदीक बनाए गए डिस्पोजल तो चालू हो गए हैं लेकिन गौशाला श्मशानघाट के नजदीक स्थित पंपिंग स्टेशन का निर्माण अधर में लटका हुआ है ।

लुधियाना (हितेश): गौशाला श्मशानघाट के नजदीक स्थित पंपिंग स्टेशन की जगह की मलकीयत को लेकर चल रहे केस में नगर निगम को सुप्रीम कोर्ट से भी राहत नहीं मिली है। यहां बताना उचित होगा कि बुड्ढे नाले को प्रदूषण मुक्त बनाने की योजना के अंतर्गत जहां सीधे तौर पर सीवरेज का पानी गिरने से रोकने के लिए किनारे पर लाइन बिछाई गई है, वहीं इस पानी को सीवरेज ट्रीटमैंट प्लांट तक पहुंचाने के लिए कई जगह पंपिंग स्टेशन भी बनाए गए हैं।

इनमें से ताजपुर रोड, सुंदर नगर, उपकार नगर व हैबोवाल के नजदीक बनाए गए डिस्पोजल तो चालू हो गए हैं लेकिन गौशाला श्मशानघाट के नजदीक स्थित पंपिंग स्टेशन का निर्माण अधर में लटका हुआ है जिसकी वजह यह है कि कुछ लोगों द्वारा इस जगह की मलकीयत का दावा किया जा रहा है, इन लोगों द्वारा लोकल कोर्ट में केस करने के बाद भी नगर निगम ने निर्माण बंद नहीं किया तो वह हाईकोर्ट से स्टे लेकर आ गए।

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इसके बाद से साइट पर निर्माण कार्य बंद पड़ा हुआ है जिस पर लगी रोक हटाने के लिए नगर निगम द्वारा हाई कोर्ट के बाद सुप्रीम कोर्ट का भी रुख किया गया लेकिन राहत नहीं मिली जिसके मद्देनजर अब नगर निगम द्वारा एक बार फिर निचली अदालत में अपील लगाने की तैयारी शुरू कर दी गई है।

मिली जानकारी के मुताबिक नगर निगम द्वारा इस मामले के निपटारे के लिए टाइम लिमिट फिक्स करने की मांग की जाएगी। इसके अलावा यह मुद्दा भी उठाया जाएगा कि अगर यह व्यक्ति अपनी मलकीयत साबित कर दें तो नगर निगम द्वारा उन्हें जगह के बदले मुआवजा दिया जा सकता है।

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नगर निगम द्वारा बुड्ढे नाले को प्रदूषण मुक्त बनाने के प्रोजैक्ट पर 650 करोड़ खर्च करने का दावा किया जा रहा है जिसके तहत बुड्ढे नाले के किनारे पर लाइन बिछाने व पंपिंग स्टेशन बनाने के अलावा जमालपुर, भट्टियां, बलौंके सीवरेज ट्रीटमैंट प्लांटों की अपग्रेडेशन भी की गई है जिसके आधार पर प्रोजैक्ट की 97 फीसदी प्रोग्रैस बताई गई है लेकिन गौशाला श्मशानघाट के नजदीक स्थित पंपिंग स्टेशन का निर्माण न होने की वजह से 60 एम.एल.डी. से ज्यादा सीवरेज का पानी अब भी सीधे तौर पर बुड्ढे नाले में गिर रहा है और बुड्ढे नाले को प्रदूषण मुक्त बनाने का टारगेट हासिल नही हो पाया।

अधिकारियों की लापरवाही की वजह से 4 साल से अधर में लटका हुआ है प्रोजैक्ट

बुड्ढे नाले को प्रदूषण मुक्त बनाने का प्रोजैक्ट 2020 में शुरू किया गया था और उसे 2 साल के भीतर पूरा करने का टारगेट रखा गया था जिसमें से बुड्ढे नाले के किनारे पर लाइन बिछाने व पंपिंग स्टेशन बनाने के अलावा सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांटों की अपग्रेडेशन का काम 2023 के अंत में पूरा हो पाया है लेकिन गौशाला श्मशानघाट के नजदीक स्थित पंपिंग स्टेशन बनाने का काम 4 साल से अधर में लटका हुआ है जिसके लिए सीधे तौर पर नगर निगम के ओ. एंड एम. सैल व बिल्डिंग ब्रांच के अधिकारियों की लापरवाही सामने आई है जिन अफसरों द्वारा इससे पहले पंपिंग स्टेशन बनाने के लिए बुड्ढे नाले के किनारे मार्क की गई साइट पर भी मलकीयत का विवाद सामने आने की वजह से काम ही शुरू नहीं हो पाया था।

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