Edited By Punjab Kesari,Updated: 17 Dec, 2017 11:20 AM
पूर्व डिप्टी स्पीकर प्रो. दरबारी लाल ने कहा कि मोदी सरकार द्वारा बैंक के संबंध में विचाराधीन अधिनियमों के मुताबिक यदि बैंक का किसी कारण दिवाला निकल जाता है तो खाताधारकों की जमा राशि का भी साथ ही दिवाला घोषित कर दिया जाएगा अर्थात उक्त राशि भी गई।
अमृतसर (कमल): पूर्व डिप्टी स्पीकर प्रो. दरबारी लाल ने कहा कि मोदी सरकार द्वारा बैंक के संबंध में विचाराधीन अधिनियमों के मुताबिक यदि बैंक का किसी कारण दिवाला निकल जाता है तो खाताधारकों की जमा राशि का भी साथ ही दिवाला घोषित कर दिया जाएगा अर्थात उक्त राशि भी गई। यह बैंकिंंग इतिहास में खाताधारकों के साथ विश्वासघात ही नहीं बल्कि एक घोर आपराधिक फैसला होगा।
इसके द्वारा थोड़ा-थोड़ा करके पैसे जोडऩे तथा बुढ़ापे को सुरक्षित रखने के लिए किए गए प्रयासों पर पानी फेर दिया जाएगा। प्रो. लाल ने कहा कि यदि एक बार बैंकों की सुदृढ़ व्यवस्था से लोगों का विश्वास उठ गया तो समूचे देश में अर्थव्यवस्था ही नहीं चरमराएगी बल्कि सभी ओर अफरा-तफरी फैल जाएगी जो विकास के पथ पर चल रहे देश के लिए हानिकारक साबित होगी। मोदी सरकार ने पहले ही बिना सोचे-विचारे नोटबंदी लागू कर देश की अर्थव्यवस्था में अराजकता फैला दी है व अब जी.एस.टी. ने समूचे व्यापार में ही अव्यवस्था ला दी है।
5 स्लैब लगाने से देशभर के व्यापारी मुश्किल के दौर से गुजर रहे हैं। बैंकों के 6 लाख करोड़ रुपए पहले ही एन.पी.ए. हो चुके हैं, यानी डूब चुके हैं। प्रो. लाल ने केंद्र सरकार को चेतावनी देते कहा कि बैंकों संबंधी इन अधिनियमों को तुरंत वापस लिया जाए, अन्यथा देश में अगर अराजकता फैल गई तो इसकी जिम्मेदारी मोदी सरकार की होगी।