Edited By Punjab Kesari,Updated: 19 Nov, 2017 09:04 AM
धान की बोली न होने से परेशान किसानों द्वारा दिए जा रहे निरंतर धरने को पिछले 5 दिनों से अनदेखा करना पंजाब सरकार और प्रशासन के लिए उस वक्त परेशानी का कारण बन गया जब आज भड़के किसानों ने किसान यूनियन एकता सिद्धूपुर के नेतृत्व में अपना धरना ...
मौड़ मंडी (प्रवीन): धान की बोली न होने से परेशान किसानों द्वारा दिए जा रहे निरंतर धरने को पिछले 5 दिनों से अनदेखा करना पंजाब सरकार और प्रशासन के लिए उस वक्त परेशानी का कारण बन गया जब आज भड़के किसानों ने किसान यूनियन एकता सिद्धूपुर के नेतृत्व में अपना धरना फाटकों से उठाकर दिल्ली-फिरोजपुर रेलवे लाइन पर लगा दिया और पंजाब सरकार, प्रशासनिक अधिकारियों व खरीद एजैंसियों के खिलाफ नारेबाजी की। धरने दौरान 2 यात्री गाडिय़ों को बङ्क्षिंठडा व मानसा रेलवे स्टेशनों पर रोकना पड़ा।
किसान यूनियन एकता सिद्धूपुर बलदेव सिंह संदोहा, बलविंद्र सिंह जोधपुर, रेशम सिंह यात्री, मुख्तयार सिंह कुब्बे, महिंद्र सिंह, जोधा सिंह नंगला, परमिंद्र सिंह गहरी, बलजिंद्रजीत सिंह जोधपुर, जसविंद्र सिंह गहरी आदि ने रेलवे ट्रैक पर बैठे किसानों को संबोधित करते कहा कि किसान एक महीने से अपनी धान की फसल बेचने के लिए मंडियों में भटक रहे हैं और अपनी फसल को बेचने के लिए धरने-प्रदर्शन कर रहे है परन्तु प्रशासनिक अधिकारी, खरीद एजैंसियां, शैलर मालिक व आढ़ती किसानों की मजबूरी का फायदा उठाने और उनकी लूट करने के लिए मिलकर चालबाजियां कर रहे हैं जिस कारण मजबूरी के चलते आज किसानों को गाडिय़ां रोकने के लिए मजबूर होना पड़ा। उधर, रेलवे ट्रैक पर किसानों के धरने की खबर सुनते ही प्रशासन तुरंत हरकत में आया और किसानों से बातचीत करना बेहतर समझा।
प्रशासन से हुई बातचीत के बाद एस.डी.एम. मौड़ वरिन्द्र सिंह ने धरने वाली जगह पर पहुंच कर किसानों को विश्वास दिलाया कि 3 दिनों में किसानों की धान की फसल मंडियों में से उठा ली जाएगी। एस.डी.एम. द्वारा दिए गए विश्वास के बाद एक बार किसानों ने सायं 6 बजे के करीब धरना समाप्त कर दिया। इस संबंधी स्टेशन मास्टर अशोक कुमार अरोड़ा ने बताया कि किसानों द्वारा ट्रैक जाम किए जाने से 2 गाडिय़ां दिल्ली-फिरोजपुर अप को मानसा में और फिरोजपुर-दिल्ली डाऊन को बठिंडा में रोका गया है।