Edited By Punjab Kesari,Updated: 22 Dec, 2017 08:13 AM
बीते लोकसभा और विधानसभा चुनाव दौरान आम आदमी पार्टी के चुनाव प्रचार के लिए दिन-रात एक करने वाले वर्कर और ‘मिनी केजरीवाल’ के तौर पर जाने जाते सोहन लाल को लोग ने उस समय आत्मदाह करने से रोका जब वह खुद पर पैट्रोल छिड़क कर आग लगाने लगे थे।
तपा मंडी (मारकंडा): बीते लोकसभा और विधानसभा चुनाव दौरान आम आदमी पार्टी के चुनाव प्रचार के लिए दिन-रात एक करने वाले वर्कर और ‘मिनी केजरीवाल’ के तौर पर जाने जाते सोहन लाल को लोग ने उस समय आत्मदाह करने से रोका जब वह खुद पर पैट्रोल छिड़क कर आग लगाने लगे थे। वाल्मीकि चौक में जैसे ही वह अपने ऊपर पैट्रोल उड़ेलने लगे तो नजदीक के दुकानदारों ने उनसे पैट्रोल की बोतल छीन ली जिस उपरांत वह रोने लग पड़े और अपनी पार्टी, पारिवारिक सदस्यों और पुलिस प्रशासन के बदली हो चुके अधिकारियों की जमकर निंदा की।
आम आदमी पार्टी, पारिवारिक सदस्यों और पुलिस के खिलाफ प्रकटाया रोष
मिनी केजरीवाल ने कहा कि वह 70 साल के हैं और पारिवारिक सदस्य उनकी देखभाल नहीं कर रहे हैं। उनको घर से निकाल दिया गया है जिस कारण वह रोजी-रोटी के चक्कर में जगह-जगह भटकते फिर रहे हैं। उन्होंने यह भी बताया वह नशों के सौदागरों के खिलाफ प्रचार कर रहे हैं जिस कारण उन्होंने पुलिस से मिलकर उनकी पिटाई करवाई।
उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी के नेता भी उनकी सुध नहीं लेते जबकि चुनाव के समय आम आदमी पार्टी ने उनको राजनीतिक तौर पर खूब इस्तेमाल किया परन्तु अब कोई पहचान नहीं रहा जिस कारण दुखी होकर उन्होंने आत्मदाह करने का मन बनाया है।
पुलिस ने नहीं ली कोई सुध
लोगों ने उनकी आपबीती सुनकर कहा कि वह आगे से ऐसा कदम न उठाएं। वह उनके परिवार और पार्टी के साथ बात कर मसले का कोई हल निकालेंगे। यह घटनाक्रम तकरीबन 3 घंटे चलता रहा परन्तु पुलिस के किसी भी अधिकारी ने वहां आकर कोई पूछताछ नहीं की।
‘पिता दिमागी तौर पर ठीक नहीं’
इस संबंधी जब मिनी केजरीवाल के बड़े पुत्र से बात की गई तो उन्होंने कहा कि उसके पिता दिमागी तौर पर ठीक नहीं हैं जिस बारे मंडी के लोग अच्छी तरह जानते हैं। उन्होंने हमें बेदखल करवा दिया था जिसके सबूत उनके पास मौजूद हैं और अब हमारा पिता उन्हें कामकाज नहीं करने दे रहा है।
सहायोगी ने विधायक से नहीं करवाई बात
जब आम आदमी पार्टी के विधायक पिरमल सिंह धौल्ला से उनके फोन पर कई बार संपर्क करने की कोशिश की गई तो उनके किसी सहायक ने फोन तो उठाया परन्तु उनसे बात नहीं करवाई।