Edited By Punjab Kesari,Updated: 24 Dec, 2017 09:07 AM
पंजाब केसरी सैंटर ऑफ चैस एक्सीलैंस की ओर से द गलेरिया डी.एल.एफ. मॉल में 8वीं 2 दिवसीय चैस चैम्पियनशिप का आगाज किया गया। प्रतियोगिता में पहले 3 स्थानों पर रहने वाले विजेता खिलाडिय़ों को चैस बेस इंडिया के कैश कूपन दिए जाएंगे। 2 दिवसीय इस क्वालीफाइंग...
जालंधर (भारती): पंजाब केसरी सैंटर ऑफ चैस एक्सीलैंस की ओर से द गलेरिया डी.एल.एफ. मॉल में 8वीं 2 दिवसीय चैस चैम्पियनशिप का आगाज किया गया। प्रतियोगिता में पहले 3 स्थानों पर रहने वाले विजेता खिलाडिय़ों को चैस बेस इंडिया के कैश कूपन दिए जाएंगे। 2 दिवसीय इस क्वालीफाइंग टूर्नामैंट में टॉप-16 खिलाड़ी अगले दिन होने वाले 4 राऊंडों में खेलेंगे।
प्रतियोगिता के पहले दिन 3 राऊंड करवाए गए। इस दौरान पंजाब चैस एसोसिएशन के सचिव राजिंद्र शर्मा, जालंधर चैस एसोसिएशन के सैक्रेटरी मनीष थापर, चीफ आर्बिटर कीर्ति शर्मा, अमित शर्मा, रोहित शर्मा, संजीव शर्मा, चंद्रेश, कीर्ति कुमार, कशिश, अनुराग और कोच कंवरजीत सिंह मौजूद रहे। इस प्रतियोगिता में करीब 250 बच्चे हिस्सा ले रहे हैं। प्रतियोगिता में अंडर-7, अंडर-9, अंडर-11, अंडर-13, अंडर-15 कैटागरी के तहत मुकाबले करवाए जा रहे हैं। द गलेरिया डी.एल.एफ. मॉल में करवाई जा रही इस प्रतियोगिता का उद्घाटन पंजाब चैस एसोसिएशन के सचिव राजिंद्र शर्मा और मनीष थापर ने शतरंज की चाल चल कर किया।
क्यों चैस खेलना जरूरी
दुनिया के महान चैस प्लेयर थे सैम्यूल रेशेवस्की। वल्र्ड चैस चैम्पियनशिप में वह 1930 से 1960 तक चैम्पियन रहे। सैम्यूल वह प्लेयर हैं जिन्होंने 8 साल की उम्र में ही दुनिया के बेहतरीन चैस प्लेयर्स को हरा दिया था। एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा था कि छोटी उम्र में चैस खेलना आपको ज्यादा फायदा दे सकता है। यह जहां आपको तुरंत फैसले लेने में सक्षम बनाता है, वहीं इससे सीखा संयम आपको अपने इरादों पर टिके रहने की प्रेरणा देता है।
क्या है चैस बेस इंडिया
चैस बेस इंडिया शतरंज को भारत में डिवैल्प करने का एक जरिया है। यह संस्था दुनिया भर में बच्चों द्वारा खेले जाने वाले मैचों को रिकॉर्ड करती है और चैस की ट्रेनिंग का सॉफ्टवेयर मुहैया करवाती है। चैस बेस इंडिया पर विश्वनाथन आनंद जैसे विश्वस्तरीय चैस खिलाडिय़ों की गेम भी उपलब्ध है, ताकि बच्चे उनकी गेम से चैस को और बेहतर ढंग से समझ सकें।
पहले कभी नहीं देखा चैस टूर्नामैंट में एंट्री फ्री हो : थापर
जालंधर चैस एसोसिएशन के सैक्रेटरी मनीष थापर ने कहा कि पंजाब केसरी की ओर से चैस को लेकर जो मुहिम चलाई गई है, वह सराहनीय है। मैं 1982 से चैस खेल रहा हूं। मैंने पहले कभी नहीं देखा कि कोई संस्था फ्री एंट्री के साथ चैस टूर्नामैंट करवा रही हो। ऐसी चीजें यूनीक होती हैं। हमारे लिए यह गर्व की बात है कि हम इसके साथ जुड़े हुए हैं। पंजाब केसरी सैंटर ऑफ चैस एक्सीलैंस ने बच्चों को चैस खेलने के लिए एक मंच दिया है।
इस सैंटर की ओर से इतने टूर्नामैंट करवाए जा रहे हैं जितने टूर्नामैंट डिस्ट्रिक्ट और स्टेट लैवल पर भी नहीं करवाए जाते। पंजाब केसरी सैंटर ऑफ चैस एक्सीलैंस चैस को प्रोमोट करने के लिए जो काम कर रहा है उसका रिजल्ट भी सामने आ रहा है। पंजाब भर से खिलाड़ी इसमें हिस्सा ले रहे हैं। चैस के लिए यह अच्छी पहल है।
फ्री कोचिंग क्लासिज के कारण बच्चे ले रहे चैस सीखने में रुचि : राजिंद्र शर्मा
पंजाब चैस एसोसिएशन के सचिव राजिंद्र शर्मा ने कहा कि मेरा मानना है कि चैस आपको जीने की कला सिखाती है। पंजाब केसरी सैंटर ऑफ चैस एक्सीलैंस ने चैस की बेहतरी के लिए जो कदम उठाए हैं, वे सराहनीय हैं। इससे पहले चैस खेलने बहुत कम लोग सामने आते थे, लेकिन पंजाब केसरी सैंटर ऑफ चैस एक्सीलैंस द्वारा लगाई जा रही फ्री कोचिंग क्लासिज के कारण बच्चों की भी इस खेल में रुचि बढ़ी है।
यह बच्चों के भविष्य के लिए अच्छा कदम है। बच्चों को चैस बेस इंडिया से जोडऩा काफी अच्छा है। यह एकमात्र ऐसा अखबार है जो हिंदी में चैस की खबरें देता है। पंजाब केसरी चैस में बच्चों को एक एक्सपोजर दे रहा है, ताकि वे आगे बढ़ सकें।