Edited By Punjab Kesari,Updated: 29 Dec, 2017 09:58 AM
नगर निगम में पी.एफ. घोटाला बेनकाब होने पर पहले सिर्फ महिला क्लर्क का नाम ही सामने आ रहा था लेकिन वीरवार को जसप्रीत कौर ने ‘पंजाब केसरी’ से विशेष बातचीत में बताया कि वह बेकसूर है। पिछले दिनों जब यह केस उजागर हुआ तो वह डिप्रैशन में चली गई थी जिसका...
अमृतसर (रमन): नगर निगम में पी.एफ. घोटाला बेनकाब होने पर पहले सिर्फ महिला क्लर्क का नाम ही सामने आ रहा था लेकिन वीरवार को जसप्रीत कौर ने ‘पंजाब केसरी’ से विशेष बातचीत में बताया कि वह बेकसूर है। पिछले दिनों जब यह केस उजागर हुआ तो वह डिप्रैशन में चली गई थी जिसका उसने मैडीकल भी लगाया गया था। जब वह 26 दिसम्बर को कमिश्नर आफिस में बयान देने पहुंची तो पहले से एक हल्फिया बयान वहां मौजूद था और वह 18 तारीख में बनाया गया था जिस पर उसने सिर्फ हस्ताक्षर किए।
अधिकारियों ने उसे कहा था कि वे उसे कुछ नहीं होने देंगे व पुलिस में कोई कार्रवाई भी नहीं होगी, सारे पैसे अकाऊंट में जमा करवा देते हैं, उसके बाद बात दबा दी जाएगी। पेमैंट जमा करवाने के लिए उसने अपना एक मकान बेचा था जोकि किसी ने बिकवाया है जिसका नाम ‘पंजाब केसरी’ शनिवार के अंक में प्रकाशित करेगा। जब वहां पर दस्तावेज बन रहे थे तो कुछ लोगों ने उसका वहां पर यह हल्फिया बयान भी बनवा दिया जोकि उससे धोखा किया गया है। उसे जब पता लगा कि पुलिस कार्रवाई की जा रही है तो वह अपनी सारी बात उनके सामने रखने एवं हल्फिया बयान को लेकर वीरवार को परिवार सहित कमिश्नर सोनाली गिरि से मिलने गई तो कमिश्नर उससे नहीं मिली।
मैं तो मोहरा हूं, बाकी काम तो तीनों अधिकारियों का
जसप्रीत ने कहा कि मैं तो केवल इसमें एक मोहरा हूं। मेरे न तो किसी वाऊचर व न ही किसी चैक पर हस्ताक्षर हुए हैं। जिन अधिकारियों के चैक एवं वाऊचर पर हस्ताक्षर हुए हैं, वे ही सारी पैमेंट रखते थे। केवल चैक से पेमैंट उसके अकाऊंट में आती थी व वह उस रकम को ए.टी.एम. के द्वारा इन अधिकारियों को दे देती थी। उसे बुरी तरह से फंसा दिया गया है व हर कोई उसे ही दोषी मान रहा है। अधिकारियों ने पहले उसे भरोसे में लिया कि उसे कुछ नहीं होगा, सारी पेमैंट जमा करवा दी जाएगी लेकिन जब उस पर पुलिस केस दर्ज हो रहा है तो इन तीनों अधिकारियों ने फोन उठाने बंद कर दिए हैं।
जिस दिन यह बात सामने आई उस दिन तीनों अधिकारी उनके घर पर आए व उसका एक मकान अपनी किसी जान-पहचान के नाम लिखवाया जोकि 40 लाख रुपए का बिका है। शेष राशि एक अधिकारी उसे बैंक के पास देने आया जिसे उसने जमा करवाया। तीनों अधिकारी ही इस जांचकमेटी के सदस्य थे इसलिए वह किसी के सामने कुछ नहीं बोल पाई। अब कानून का ही सहारा है कि मामले की सही तरीके से जांच हो ताकि सब कुछ साफ हो जाए।
पंजाब केसरी ने उठाया मुद्दा व खुलती गई परत-दर-परत
‘पंजाब केसरी’ के पास इस मामले संबंधी अहम सबूत हैं एवं जसप्रीत ने कहा है कि इससे जुड़े और तथ्य वह कल सबके सामने प्रस्तुत करेगी अत: कल तक ‘पंजाब केसरी’ के पाठकों को इसका इंतजार करना पड़ेगा कि कौन-कौन इस स्कैंडल से जुड़ा है।