Edited By Punjab Kesari,Updated: 06 Nov, 2017 08:21 AM
पंजाब में सक्रिय कई खतरनाक गैंगस्टरों की फिर शरणस्थली बन गया है फगवाड़ा। सूत्रों के अनुसार फगवाड़ा व आसपास के कस्बों व इलाकों में गैंगस्टरों की खुली मूवमैंट होती रहती है। उक्त गैंगस्टर देर रात अथवा सुबह फगवाड़ा में मौजूद अपने गुप्त ठिकानों पर आते...
फगवाड़ा (जलोटा): पंजाब में सक्रिय कई खतरनाक गैंगस्टरों की फिर शरणस्थली बन गया है फगवाड़ा। सूत्रों के अनुसार फगवाड़ा व आसपास के कस्बों व इलाकों में गैंगस्टरों की खुली मूवमैंट होती रहती है। उक्त गैंगस्टर देर रात अथवा सुबह फगवाड़ा में मौजूद अपने गुप्त ठिकानों पर आते हैं और बिना ज्यादा कहे और किए चुपके से यहां से चले जाते हैं। अहम पहलू यह बना है कि फगवाड़ा को शरणस्थली बनाकर प्रयोग कर रहे गैंगस्टर्स अपने गुप्त स्रोतों के मार्फत एक ओर जहां ड्रग्स के काले कारोबार को पूरी तरह से संचालित कर रहे हैं, वहीं इनको हवाला के मार्फत मोटी रकमों का आदान-प्रदान भी हो रहा है। अब देखना यह है कि पकोका उक्त गैंगस्टरों का नाश कर सकता है।
फगवाड़ा का इतिहास व यहां के पुलिस थानों में मौजूद गैंगस्टरों की हिस्ट्री इस बात का पुख्ता प्रमाण है कि यहां पर प्राय: पंजाब के खतरनाक से खतरनाक गैंगस्टर की न केवल आमद होती रही है, अपितु यहीं पर पंजाब में बड़े स्तर पर गैंगवार्स में सक्रिय रहे खूंखार गैंगस्टर पूरी प्लाङ्क्षनग के साथ गैंगवार्स को सफलतापूर्वक अंजाम देने में भी शत-प्रतिशत कामयाब रहे हैं। इसका प्रत्यक्ष उदाहरण पंजाब का बहुचर्चित सुक्खा काहलवां हत्याकांड रहा है।
सुक्खा काहलवां हत्याकांड को पंजाब में अभी भी खौफ का सबब बने हुए विक्की गौंडर गैंग ने जालंधर के प्रेमा लहौरिया गैंग सहित कुछ अन्य गैंग्स की मदद के साथ फगवाड़ा में ही दिन-दिहाड़े तब अंजाम दिया था, जब शार्प शूटर सुक्खा काहलवां की क्राइम और गैंग्स की खौफनाक दुनिया में तूती बोलती थी।
यह भी ऑन रिकार्ड रहा है कि उक्त कई गैंग्स ने सुक्खा काहलवां की हत्या करने से पहले फगवाड़ा के कई हिस्सों की न केवल बारीकी से रेकी की अपितु उक्त गैंगस्टरों ने ऐसे कई रास्तों को भी खोज निकाला, जहां से वे उसकी हत्या करने के बाद सरलता के साथ निकल गए। तब हुई पुलिस जांच में यह तथ्य भी खुलकर सामने आए थे कि उक्त गैंग्स के कई गैंगस्टरों ने सुक्खा काहलवां की हत्या करने से पहले फगवाड़ा के आसपास ही अपने ठिकाने बनाए और फिर पूरी प्लानिंग के साथ हत्याकांड को बेखौफ इरादे से अंजाम दे डाला।
गैंगस्टरों की पैंत फगवाड़ा में कितनी गहराई तक रही है, इसका खुला प्रमाण एक बार फिर सबके सामने तब जगजाहिर हो गया, जब फगवाड़ा सिविल अस्पताल में बेहद कड़े बंदोबस्त में हुए शार्प शूटर सुक्खा काहलवां की गोलियों से छलनी लाश के हुए पोस्टमार्टम की तस्वीरें खुले तौर पर सोशल मीडिया जिसमें फेसबुक, व्हाट्स एप व अन्य इंटरनैट के प्लेटफॉर्म पर डाली गईं, जिस पर उसके विरोधी गैंगस्टरों ने जमकर ट्रोङ्क्षलग की। इस मामले को लेकर मीडिया में लंबे समय तक होहल्ला होता रहा लेकिन यह आज भी गहरा राज ही है कि उक्त पोस्टमार्टम की तस्वीरें बाहर कैसे पहुंचीं।
कपूरथला मॉडर्न जेल बनी है गैंगस्टरों की यूनिवर्सिटी
इसे संयोग कहा जाए या कुछ और लेकिन जिला कपूरथला की सब-डिवीजन फगवाड़ा के आसपास सक्रिय रहे गैंगस्टरों की जब भी पुलिस गिरफ्तारी हुई है तो इनको कपूरथला मॉडर्न जेल शिफ्ट किया जाता रहा है। यह भी ऑन रिकार्ड है कि उक्त जेल के भीतर पूर्व में कई ऐसी घटनाएं घटी जहां विरोधी गैंग्स के गैंगस्टरों ने सोशल मीडिया का सहारा लेकर ऐसी वीडियोज फेसबुक और अन्य सोशल साइट्स पर वायरल कीं जिसमें ये हाई सिक्योरिटी वाली उक्त जेल के अंदर विरोधी गैंगस्टरों से मारपीट करते दिखाई देते हैं।
हाल ही में एक ऐसी ही वीडियो पुन: चर्चा का केंद्र बनी हुई है, जहां भुक्त भोगी आरोपी कई प्रकार के आरोप लगा रहा है। इन हालात में कपूरथला में स्थापित मॉडर्न जेल हर लिहाज से गैंगस्टरों की यूनिवॢसटी बनी हुई है, जहां गैंगस्टर व शातिर अपराधी वो सब करते हैं, जो उनके दिल में आता है। कई बार इसी जेल में अंडर ट्रायल कैदियों में आपसी लड़ाई-झगड़े भी हुए हैं और इसी जेल के अंदर से भारी मात्रा में मोबाइल फोन व नशा आदि बरामद हुआ है।
आतंकवाद के काले दौर में भी कुख्यात आतंकवादियों की हव था उक्त शहर
यह भी समय की सच्चाई है कि पंजाब में जब आतंकवाद का काला दौर पूरे ऊफान पर था तब पूरे प्रदेश में फगवाड़ा ही एक ऐसा शहर था जो शांतिमय था।
ऐसा इसलिए था क्योंकि तब भी फगवाड़ा खूंखार आतंकवादियों की सुरक्षित शरणस्थली बना था। यहीं से तब आतंकवादी गोपनीय ढंग से ऑप्रेट करते थे और यहां की भूगौलिक स्थिति का भरपूर लाभ लेते थे। पूर्व में गंभीर पहलू यह भी रहा है कि पंजाब के एक बेहद खतरनाक कुख्यात आतंकवादी जिसे पूर्व में पूरी पंजाब पुलिस प्रदेश सहित पूरे देश-विदेश में ढूंढती रही है वह आतंकवादी फगवाड़ा में ही कई वर्षों तक छुपा हुआ था और यहीं से ऑप्रेट करता धरा गया था।
सोशल मीडिया पर अलग दुनिया है गैंगस्टरों की
पंजाब में सक्रिय गैंगस्टरों का सोशल मीडिया पर अपनी भाषा और हर मामले को अपने ढंग से अंजाम देने का अजब ढंग है लेकिन इनमें से अब सबसे ज्यादा ट्रैंड फेसबुक आई.डी. बनाना रहा है। प्राय: हर छोटी-बड़ी वारदात के बाद गैंगस्टरों द्वारा इसी प्लेटफोर्म का प्रयोग कर वह सब कहा जाता है जो ये दूसरे गैंग तक पहुंचाना चाहते हैं। इसके अतिरिक्त उक्त गैंग्स व्हाट्स एप के मार्फत कई बार अपने धमकी भरे वीडियो को वायरल करने में कोई कसर बाकी नहीं छोड़ते हैं।
वांछित गैंगस्टरों व भगौड़े आरोपियों की गिरफ्तारी हेतु विशेष एस.आई.टी. गठित
जिला कपूरथला पुलिस से अब ज्यादा दिनों तक शातिर गैंगस्टर बच नहीं पाएंगे। पंजाब केसरी से एक्सक्लूसिव वार्तालाप के दौरान एस.एस.पी. कपूरथला संदीप शर्मा ने कहा कि न केवल फगवाड़ा, कपूरथला अथवा जिला कपूरथला अपितु पूरे पंजाब में सक्रिय खतरनाक गैंगस्टरों की गिरफ्तारी हेतु जिला पुलिस द्वारा बड़ा प्लान तैयार किया जा चुका है।
आधुनिक तकनीक से लैस इस प्लान के तहत पुलिस पलक झपकते ही गैंगस्टर की लोकेशन और उसके द्वारा की जा रही गतिविधियों की खबरसार ले लेगी। जिला कपूरथला पुलिस द्वारा वांछित गैंगस्टरों व भगौड़े आरोपियों की गिरफ्तारी हेतु विशेष एस.आई.टी. गठित कर दी गई है। यह टीम इंटरनैट का प्रयोग कर पंजाब पुलिस के साइबर सैल से संपर्क में रह कर वह सब करेगी जो आज तक नहीं हुआ है। इसी तकनीक का प्रयोग कर फगवाड़ा पुलिस ने एस.पी. पी.एस. भंडाल व ए.एस.पी. हरीश दयामा ओम प्रकाश के प्रशंसनीय प्रयासों से साइबर क्राइम से संबंधित एक बेहद पेचीदा ब्लाइंड केस जिसमें एक अज्ञात आरोपी युवक फगवाड़ा की एक निजी यूनिवर्सिटी में होटल मैनेजमैंट का कोर्स कर रही छात्रा को ब्लैकमेल कर उसे तंग-परेशान कर रहा था, को हल करने में बड़ी सफलता हासिल की है। यही तकनीक और जांच का तरीका जिला कपूरथला सहित पंजाब में सक्रिय गैंगस्टरों पर अपनाने की पूरी तैयारी है।
यदि सब कुछ तयशुदा प्लान के तहत चला तो इसके बेहतरीन परिणाम मिलने तय हैं। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि फगवाड़ा की संवेदनशील भूगौलिक स्थिति से जिला पुलिस परिचित है और पुलिस की पैनी दृष्टि बेहद सतर्क और सजग है। पुलिस के हाथों से अब कोई गैंगस्टर बचने वाला नहीं है फिर भले ही वह कितना चतुर और मुस्तैद क्यों न हो।