Edited By Punjab Kesari,Updated: 05 Nov, 2017 04:54 PM
3 दिन पहले चंद्र नगर इलाके में अवैध दुकानों पर कार्रवाई दौरान इंस्पैक्टर की पिटाई का मामला नगर निगम की बिल्डिंग शाखा के स्टाफ ने जितने जोर-शोर से उठाया था। उसके मुकाबले अब तक मारपीट के आरोपियों के खिलाफ शिकायत नहीं दर्ज करवाई गई, जिसे लेकर सवाल उठ...
लुधियाना (हितेश): 3 दिन पहले चंद्र नगर इलाके में अवैध दुकानों पर कार्रवाई दौरान इंस्पैक्टर की पिटाई का मामला नगर निगम की बिल्डिंग शाखा के स्टाफ ने जितने जोर-शोर से उठाया था। उसके मुकाबले अब तक मारपीट के आरोपियों के खिलाफ शिकायत नहीं दर्ज करवाई गई, जिसे लेकर सवाल उठ रहे हैं कि मौके पर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों को दबाने के लिए कहीं समझौता तो नहीं हो गया।
बुधवार को जोन-डी के स्टाफ ने अवैध निर्माण पर कार्रवाई के नाम पर चंद्र नगर में धावा बोला था, जहां लोगों ने बड़ी संख्या में जमा होकर कार्रवाई का विरोध किया व कथित तौर पर इंस्पैक्टर की पिटाई भी कर दी, जिसे घायल होने की बात कहकर बड़ी मुश्किल से भगाया तो लोगों ने काफी देर तक निगम दस्ते का घेराव किए रखा। उन मुलाजिमों व जे.सी.बी. मशीन को ए.टी.पी. ने काफी मिन्नतें करके वहां से निकाला।
इंस्पैक्टर की मानें तो पुराने लेबर क्वार्टरों की आड़ में दीवार करके दुकानें बना ली गई हैं जिसके लिए निर्माण शुरू होने के बाद कई बार रोका भी गया, लेकिन मालिक ने काम बंद नहीं किया, जिस पर चालान जारी किया जा चुका है। अब वहां दुकानों को शटर लगाने की शिकायत मिली तो टीम के साथ कार्रवाई करने पहुंचे लेकिन लोगों ने मारपीट करके घायल कर दिया, जिनके खिलाफ केस दर्ज करवाने के ऐलान के उलट अब तक पुलिस को शिकायत नहीं दी जा सकी।
इसे लेकर चर्चा चल रही है कि मौके पर लोगों ने इंस्पैक्टर के खिलाफ पहले पैसे लेकर अवैध निर्माण करवाने व अब दुकानें गिराने का आरोप लगाया था। यहां तक कि इलाके में इंस्पैक्टर की मिलीभगत से बन रही बाकी नाजायज बिल्डिंगें भी गिना दी गईं जिन पर कार्रवाई की मांग का मुद्दा दबाने के लिए ही शायद पुलिस के पास शिकायत दर्ज करवाने से परहेज किया जा रहा है। हालांकि अफसरों ने शिकायत संबंधी फाइल कमिश्नर को भेजे जाने की बात कही है।
अब पुलिस फोर्स के बिना नहीं होगी कार्रवाई
अवैध निर्माण पर कार्रवाई करने गए इंस्पैक्टर की पिटाई होने के मामले को लेकर एडीशनल कमिश्नर विशेष सारंगल की मीटिंग में भी चर्चा हुई, जहां जोन-डी के स्टाफ ने निगम पुलिस पर देर से आने का आरोप लगाया। इसके जवाब में डी.एस.पी. ने साफ कर दिया कि एक्शन के लिए जाने से पहले उनको कोई सूचना नहीं दी गई थी, जबकि विवाद होने के बाद उनकी टीम मौके पर पहुंची। इस पर फैसला हुआ कि आगे से अवैध निर्माणों के खिलाफ कोई भी कार्रवाई पुलिस फोर्स के बिना नहीं होगी।
बैरंग लौटी अतिक्रमणों के नाम पर प्राइवेट प्लाट में कार्रवाई करने गई टीम
जोन-डी की टीम को हैबोवाल इलाके में एक हफ्ते के भीतर लगातार दूसरी बार बैरंग लौटना पड़ा। जब सिविल सिटी के पास झुग्गियां बनी होने कारण अतिक्रमणों के आरोप में कार्रवाई के लिए बिल्डिंग व तहबाजारी टीम मौके पर पहुंची तो आगे प्राइवेट प्लाट निकला। जहां इलाके के लोगों ने झुग्गियां बनी होने के कारण गंदगी व बदबू की समस्या आने का मुद्दा उठाया। हालांकि झुग्गी वालों व प्लाट मालिक ने 2 दिन में सफाई करवाने का लिखित भरोसा दिया है, वहीं, यह केस अब हैल्थ ब्रांच को शिफ्ट किया जा रहा है।