Edited By Punjab Kesari,Updated: 03 Jan, 2018 07:43 AM
इंडियन मैडीकल एसोसिएशन (आई.एम.ए.) ने आज की गई एक दिवसीय हड़ताल को लेकर कहा है कि अगर केन्द्र की मोदी सरकार ने नैशनल मैडीकल कमीशन बिल के लिए गए अपने फैसले को वापस न लिया तो आने वाले दिनों में आई.एम.ए. को कड़ा संघर्ष करने के लिए मजबूर होना पड़ेगा।
जालंधर(महेश): इंडियन मैडीकल एसोसिएशन (आई.एम.ए.) ने आज की गई एक दिवसीय हड़ताल को लेकर कहा है कि अगर केन्द्र की मोदी सरकार ने नैशनल मैडीकल कमीशन बिल के लिए गए अपने फैसले को वापस न लिया तो आने वाले दिनों में आई.एम.ए. को कड़ा संघर्ष करने के लिए मजबूर होना पड़ेगा। प्रैस कांफ्रैंस में आई.एम.ए. पंजाब के पूर्व प्रधान व पंजाब मैडीकल कौंसिल के सदस्य डा. यश शर्मा, डा. पी.के. बख्शी वाइस प्रैजीडैंट आई.एम.ए., डा. नवजोत सिंह दहिया सचिव पंजाब, जिला प्रधान डा. मुकेश गुप्ता, पूर्व प्रधान डा. बी.एस. जौहल, डा. राकेश विग, डा. हरीश भारद्वाज, डा. योगेश्वर सूद, डा. जी.एस. गिल इत्यादि मुख्य रूप से मौजूद थे।
डा. नवजोत सिंह दहिया व डा. यश शर्मा ने कहा कि उक्त बिल का विरोध इसलिए किया जा रहा है क्योंकि अगर यह बिल पास हो जाता है तो आयुर्वैदिक व होम्योपैथिक डाक्टर भी एम.बी.बी.एस. बन जाएंगे, जिसके लिए उन्हें मात्र 6 महीने का ब्रिज कोर्स ही करना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने घोषणा की थी कि यह बिल 2 जनवरी को पेश किया जाएगा, जिसके विरोध में उन्हें आज हड़ताल करने पर मजबूर होना पड़ा है। डा. यश शर्मा व डा. नवजोत सिंह दहिया ने कहा है कि सरकार यह बिल लाकर लोकतंत्र की संस्थाओं का घाण कर रही है। उन्होंने यह भी कहा कि मैडीकल कौंसिल आफ इंडिया एक चुनी हुई संस्था है और इसकी जगह नैशनल मैडीकल कमीशन के गठन की कोई जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार को बिल को लेकर अपना फैसला वापस ले लेना चाहिए। डा. मुकेश गुप्ता व डा. बी.एस. जौहल ने आई.एम.ए. की आज की हड़ताल में सहयोग करने वाले सभी डाक्टरों का आभार भी जताया।