सरकारी मैडीकल डाक्टरों ने देशभर में काले बिल्ले लगाकर जताया रोष

Edited By Punjab Kesari,Updated: 22 Dec, 2017 03:54 PM

doctors protest

ऑल इंडिया फैडरेशन ऑफ गवर्नमैंट डाक्टर्ज एसोसिएशन के आह्वान पर 21 दिसम्बर को देश के समूचे सरकारी मैडीकल ऑफिसरों ने काले बिल्ले लगाकर रोष प्रकट कर राजस्थान सरकार प्रति गुस्सा जाहिर किया। रूरल मैडीकल सर्विसिज एसोसिएशन के प्रदेश प्रधान और ऑल इंडिया...

पटियाला(बलजिन्द्र, परमीत): ऑल इंडिया फैडरेशन ऑफ गवर्नमैंट डाक्टर्ज एसोसिएशन के आह्वान पर 21 दिसम्बर को देश के समूचे सरकारी मैडीकल ऑफिसरों ने काले बिल्ले लगाकर रोष प्रकट कर राजस्थान सरकार प्रति गुस्सा जाहिर किया। रूरल मैडीकल सर्विसिज एसोसिएशन के प्रदेश प्रधान और ऑल इंडिया फैडरेशन ऑफ गवर्नमैंट डाक्टर्ज एसोसिएशन (ए.आई.एफ.जी.डी.ए.) के राष्ट्रीय एडीशनल महासचिव डा. असलम परवेज ने कहा कि आज देश भर में समूचे सरकारी मैडीकल ऑफिसरों ने काले बिल्ले लगाकर राजस्थान सरकार और सेहत मंत्री प्रति रोष प्रकट किया। 

उन्होंने कहा कि राजस्थान सरकार ने 100 से अधिक डाक्टरों और उनके परिवारों को बिना मतलब जेलों में डाला है तथा जेलों में डाले डाक्टरों को कंबल भी नहीं दिए जा रहे हैं। राजस्थान में काम करते मैडीकल ऑफिसरों के साथ हो रहे अन्याय को देखने के लिए आज एक फैडरेशन की सैंट्रल टीम जयपुर पहुंची। टीम जायजा लेने के बाद वहां के सेहत मंत्री और मुख्यमंत्री को मिलेगी। मांगें न मानने की सूरत में संघर्ष की अगली रणनीति तैयार की जाएगी और यह भी हो सकता है कि देश भर में सभी राज्यों के मैडीकल डाक्टरों के संगठनों की तरफ से हड़ताल का ऐलान आने वाले कुछ दिनों में किया जाए।

राजस्थान पहुंची सैंट्रल कोर कमेटी में ए.आई.एफ.जी.डी.ए. के राष्ट्रीय प्रधान डा. राजेश ख्यालिया और राष्ट्रीय महासचिव डा. रणजीत कुमार भी शामिल हैं। जिक्रयोग है कि 20 दिन पहले डाक्टरों की हड़ताल को खत्म करने के लिए राजस्थान सरकार ने 33 मांगों में से सभी को मान कर राजस्थान डाक्टरों के संगठन अरिसदा के साथ समझौता कर लिया था परन्तु इतना समय निकलने के बाद भी वायदा खिलाफी करते हुए सरकार ने समझौते को लागू नहीं किया बल्कि डाक्टरों को ‘एसमा’ लगा कर जेलों में बंद करना शुरू कर दिया। 
 

नैशनल प्रैस सैक्रेटरी डा. राजेश शर्मा ने कहा कि पिछले 4 सालों से लड़ाई लड़ रहे राजस्थान के डाक्टरों ने अंत में आकर हड़ताल करने का फैसला किया था, जिस पर सरकार ने धोखा देकर उन्हें और उनके परिवारों को लताडऩा शुरू कर दिया और झूठे केस डाल कर जेलों में डाल दिया। भरतपुर की एक अदालत ने तो 3 डाक्टरों को बेल देने के लिए 1.1 करोड़ का बांड भरने के लिए कहा है और साथ में लिखित घोषणा पत्र देने कि वे डाक्टरों की गैर संवैधानिक हड़ताल में शामिल नहीं होंगे। 
 

फैडरेशन के नुमाइंदों ने राजस्थान सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि यदि राजस्थान सरकार ने डाक्टरों के विरुद्ध झूठे केस वापस न लिए और उनकी जायज मांगें न मानी तो वे जल्द ही भारत के सभी डाक्टरों की तरफ से संघर्ष की तैयारी शुरू करेंगे जिसकी जिम्मेदारी राजस्थान सरकार की होगी। उन्होंने राजस्थान के मुख्यमंत्री से मांग करते हुए कहा कि वह खुद सेहत मंत्री और डाक्टरों के संगठन में चल रहे झगड़े को खत्म करके डाक्टरों की मांगें मनवाएं, जिससे डाक्टरों के रोष को खत्म किया जा सके और मरीजों को आ रही परेशानियां भी खत्म हो सकें। 

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