Edited By Punjab Kesari,Updated: 21 Nov, 2017 07:49 AM
हर साल 500 करोड़ रुपए से ज्यादा का बजट बनाने वाला जालंधर नगर निगम इस कदर वित्तीय संकट में फंस गया है कि उससे 15 करोड़ रुपए का इंतजाम नहीं हो पा रहा जिस कारण नवम्बर महीना बीतने को है परंतु अभी तक किसी नगर निगम कर्मचारी को वेतन नहीं मिला है। इस कारण...
जालंधर(खुराना): हर साल 500 करोड़ रुपए से ज्यादा का बजट बनाने वाला जालंधर नगर निगम इस कदर वित्तीय संकट में फंस गया है कि उससे 15 करोड़ रुपए का इंतजाम नहीं हो पा रहा जिस कारण नवम्बर महीना बीतने को है परंतु अभी तक किसी नगर निगम कर्मचारी को वेतन नहीं मिला है। इस कारण निगम कर्मचारियों में सरकार व निगम प्रशासन प्रति रोष व्याप्त हो रहा है।
पंजाब सफाई मजदूर फैडरेशन के प्रधान चंदन ग्रेवाल के नेतृत्व में निगम यूनियनों ने कमिश्नर डा. बसंत गर्ग को एक ज्ञापन सौंपकर मांग की कि निगम कर्मियों का वेतन जल्द रिलीज किया जाए। अगर 3 दिन के भीतर वेतन रिलीज न किया गया तो समस्त कर्मचारी धरना प्रदर्शन करने पर विवश होंगे। ज्ञापन सौंपने वालों में नरेश प्रधान, बंटू सभ्रवाल, विनोद मद्दी, विक्रम कल्याण, अशोक भील, विनोद गिल, गुलजार खोसला, देवानंद व जनकराज बाहरी आदि भी थे जिन्होंने कहा कि वेतन न मिलने के कारण घरों का गुजारा करना मुश्किल हो रहा है।
सैंकड़ों निगम कर्मी बने बैंकों के डिफाल्टर
चाहे निगम के सामने वित्तीय संकट जी.एस.टी. की राशि न आने के कारण आया है परंतु सरकार की गलती का खमियाजा निगम कर्मियों को भुगतना पड़ रहा है और सैंकड़ों निगम कर्मी बैंकों के डिफाल्टर बन गए हैं। गौरतलब है कि जालंधर निगम के सैंकड़ों कर्मचारियों ने अपने वेतन की गारंटी के तौर पर सरकारी बैंकों से पर्सनल और सैलरी अगेंस्ट लोन ले रखे हैं जिनकी किस्त आटोमैटिक रूप से काटकर निगम द्वारा बैंकों को भेज दी जाती है परंतु अभी तक निगम ने लोन की किस्तों के रूप में बैंकों को कोई राशि ट्रांसफर नहीं की है। इस स्थिति के चलते निगम कर्मियों पर अतिरिक्त ब्याज व चार्ज भी पड़ रहा है।