पहली से 5वीं तक कक्षाओं के सिलेबस में होगा संशोधन

Edited By Punjab Kesari,Updated: 19 Dec, 2017 05:27 PM

amendment to syllabus

सरकारी स्कूलों में पढऩे वाले पहली से 5वीं कक्षाओं के विद्यार्थी अब सरल और मानक शिक्षा हासिल करेंगे। शिक्षा विभाग की ओर से अकादमिक सैशन 2018 और 2019 में जारी की जाने वाली किताबों के सिलेबस में अहम संशोधन किया जा रहा है। नए सिलेबस में अध्यापकों को भी...

अमृतसर(दलजीत): सरकारी स्कूलों में पढऩे वाले पहली से 5वीं कक्षाओं के विद्यार्थी अब सरल और मानक शिक्षा हासिल करेंगे। शिक्षा विभाग की ओर से अकादमिक सैशन 2018 और 2019 में जारी की जाने वाली किताबों के सिलेबस में अहम संशोधन किया जा रहा है। नए सिलेबस में अध्यापकों को भी नई तकनीक अनुसार विद्याॢथयों को पढ़ाने के किताबों में गुर बताए होंगे।

जानकारी के अनुसार शिक्षा विभाग कई वर्षों से सरकारी स्कूलों के विद्याॢथयों के खराब नतीजों को लेकर काफी गंभीर था। विभाग ने उक्त समस्या का हल निकालने के लिए बुद्धिजीवियों और विभाग के विशेषज्ञों के साथ सलाह करते सिलेबस में संशोधन करने महत्वपूर्ण फैसला लिया है।विभाग के सूत्र बताते हैं कि नए सिलेबस में विद्याॢथयों को हिसाब की किताब में कहानियां बनाकर हिसाब नहीं पढ़ाया जाएगा, बल्कि रट्टा मारने की प्रक्रिया से बाहर निकाल कर ब्लैक बोर्ड पर जोर दिया जाएगा। 

सूत्र बताते हैं कि विद्याॢथयों को पुराने सिलेबस में जो शब्द बेहद कठिन लगते हैं या याद नहीं होते थे, उनको भी नए सिलेबस में से बाहर निकाल दिया जाएगा और सरल शब्द उसमें शामिल किए जाएंगे।
बोर्ड और एस.सी.आर.टी. की अहम जिम्मेदारी पहली से 5वीं कक्षा तक के विद्यार्थियों का भविष्य उज्ज्वल करने में एस.सी.आर.टी. की अहम जिम्मेदारी निभाना है। एस.सी.आर.टी. द्वारा सिलेबस तैयार करवाकर पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड की मशीनरी से छपवा कर किताबों के रूप में पंजाब के समूह सरकारी स्कूलों में मुफ्त दी जाने वाली किताबों के रूप में दिया जाता है।

एस.सी.आर.टी डायरैक्टर ने नहीं उठाया फोन
इस संबंधी एस.सी.आर.टी. के डायरैक्टर सुखदेव सिंह काहलों के साथ फोन पर कई बार संपर्क करना चाहा तो उन्होंने हमेशा की तरह फोन उठाना मुनासिब नहीं समझा। 

विद्यार्थियों को होगा लाभ
शिक्षा विभाग द्वारा पहली से 5वीं कक्षाओं के सिलेबस में किए जा रहे संशोधनों का भविष्य में विद्याॢथयों को काफी लाभ होगा। विद्यार्थी जहां आसान ढंग से शिक्षा हासिल कर सकेंगे, वहीं नतीजों के लिए अब अध्यापक वर्ग की जिम्मेदारी भी कम हो जाएगी। 

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