Edited By swetha,Updated: 19 May, 2018 01:08 PM
सरकारी तौर पर प्रदेश के सभी सरकारी अस्पतालों में प्राइवेट पर्ची को लेकर पिछले कई महीनों से बंद पड़ी मुहिम के परिणामस्वरूप जहां सरकार से मोटा वेतन लेने वाले कई सरकारी डाक्टर प्राइवेट पर्ची के दौर को लगातार तेज कर रहे हैं, वहीं कई सरकारी डाक्टरों व...
कपूरथला (गौरव): सरकारी तौर पर प्रदेश के सभी सरकारी अस्पतालों में प्राइवेट पर्ची को लेकर पिछले कई महीनों से बंद पड़ी मुहिम के परिणामस्वरूप जहां सरकार से मोटा वेतन लेने वाले कई सरकारी डाक्टर प्राइवेट पर्ची के दौर को लगातार तेज कर रहे हैं, वहीं कई सरकारी डाक्टरों व कुछ प्राइवेट कैमिस्टों की इस मिलीभगत के सिलसिले ने गरीब लोगों का जीना मुहाल कर दिया है, जिसके परिणामस्वरूप सरकार द्वारा गरीब जनता के लिए भेजी जाने वाली 250 तरह की मुफ्त सरकारी दवाइयां लोगों तक नहीं पहुंच रही हैं। हम यूं कह सकते हैं कुछ सरकारी डाक्टरों व प्राइवेट कैमिस्टों के गठबंधन के बीच गरीब मरीज पिस रहे हैं।
कई सरकारी डाक्टरों व कुछ कैमिस्टों का लंबे समय से है नाता
प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में गरीब जनता की सेवा के लिए मोटा वेतन देकर तैनात किए गए कई सरकारी डाक्टरों के लालच का आलम तो यह है कि वे अपने विरुद्ध कई बार हुई कार्रवाई के बावजूद भी जहां सरेआम प्राइवेट पर्ची के खेल को अंजाम दे रहे हैं, वहीं इस खेल से गरीब जनता के लिए आने वाली सरकारी दवाइयां सरकारी अस्पतालों में खराब हो रही हैं, जबकि गरीब जनता को कई गुना महंगी दवाइयां प्राइवेट कैमिस्टों से लेने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है जोकि कहीं न कहीं प्रदेश सरकार के दावों की पोल खोल रहा है। इन डाक्टरों की गतिविधियों के कारण आम लोगों का सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं से विश्वास उठ रहा है। एक सर्वे के मुताबिक प्रदेश में वर्तमान दौर के दौरान करोड़ों रुपए की प्राइवेट दवाई की पर्ची का दौर चल रहा है, जोकि कहीं न कहीं गरीब मरीजों के लिए नुक्सानदायक है।