मालेरकोटला विधानसभा हलका- ट्रैफिक समस्या से परेशान हैं लोग

Edited By Updated: 29 Dec, 2016 04:27 PM

malerkotla constituency traffic problem

मालेरकोटला विधानसभा हलका पर शिरोमणि अकाली दल की उम्मीदवार श्रीमती फरजाना आलम ने 2012 में कांग्रेस की श्रीमती रजिया सुलतानां को हराकर सीट पर कब्जा किया था।

मालेरकोटला विधानसभा हलका पर शिरोमणि अकाली दल की उम्मीदवार श्रीमती फरजाना आलम ने 2012 में कांग्रेस की श्रीमती रजिया सुलतानां को हराकर सीट पर कब्जा किया था। हलके के अधिकतर लोगों की मांग है कि ट्रैफिक समस्या से निजात मिले और सड़कों का निर्माण करवाया जाए।


मालेरकोटला के बड़े विकास प्रोजैक्ट कांग्रेस सरकार के समय स्वीकार हुए
पंजाब प्रदेश कांग्रेस की प्रांतीय उप-प्रधान व स्थानीय पूर्व विधायिका श्रीमती रजिया सुलताना का कहना है कि पिछले 9 वर्षों दौरान अकाली दल की तरफ से किए गए विकास कार्य कहीं नजर नहीं आ रहे। अकाली दल वाले हजरत हलीमा हस्पताल, उर्दू अकैडमी और रेलवे ओवर ब्रिज बनाने के दावे कर रहे हैं जबकि यह सभी प्रजैकट कैप्टन अमरिन्दर सिंह की कांग्रेस सरकार समय मैं विधायक होते मंजूूर करवाए थे और सरकारी कालेज अंदर बी.एड. कालेज चालू करवाया था। कम्युनिटी हाल बनाने के अलावा करोड़ों रुपए की लागत से हलके का सर्वपक्षीय विकास करवाया था।


मालेरकोटला नगर कौंसिल प्रधान कामरेड मोहम्मद इस्माइल का दावा
प्रधान इस्माइल ने हलका विधायका बीबी फरजाना आलम की तरफ से 90 प्रतिशत वायदे पूरे कर दिए जाने का दावा करते कहा कि कांग्रेस सरकार के समय मेरे कौंसिल अध्यक्षीय कार्यकाल में शहर के विकास कार्यों के लिए केवल 20 लाख रुपए के करीब ही फंड आए थे जब कि मौजूदा अकाली सरकार की तरफ से शहर के विकास कार्यों के लिए 13 करोड रुपए की ग्रांटे नगर कौंसिल को मुहैया करवाए जाने के इलावा शहर के सीवरेज सिस्टम के लिए सरकार की तरफ से अमृत स्कीम अधीन 63 करोड़ रुपए दिए गए और अकाली सरकार ने करोड़ों रुपए की लागत से किला रहमतगढ़ में मिनी फुटबाल स्टेडियम व कम्युनिटी हाल के निर्माण सहित शहर की सभी सड़कें बनाई हैं।

ट्रैफिक मालेरकोटले की सबसे बड़ी समस्या
सगीर हुसैन जैदी पूर्व को-आर्डिनेटर अल्पसंख्यक शैक्षणिक विभाग भारत सरकार ने कहा कि पंजाब के एक एक बहु-संख्या मुस्लिम आबादी वाले इस शहर के ज्यादातर गरीब लोग सरकार की सेहत पर शैक्षिक सहूलियतों पर निर्भर हैं परंतु किसी भी सरकार ने इस इलाके में कोई बड़ी उच्च शैक्षिक संस्था या लुधियाना-पटियाला जैसे बड़े अस्पताल के निर्माण करवाने की ओर ध्यान नहीं दिया। जिस कारण जहां मालेरकोटला के नाम के साथ जुड़ा पिछड़ेपन का शब्द आज तक हट नहीं सका वहीं ट्रैफिक भी मालेरकोटला की सबसे बड़ी समस्या बनी हुई है।

शहर में औरतों के लिए होना चाहिए अलग पार्क
एडवोकेट मुहम्मद अनवार बत्ते सिविल कोर्ट मालेरकोटला ने कहा कि शहर में जगह-जगह लगे गंदगी के ढेर जहां बीमारियों को न्यौता दे रहे हैं वहां शहर को खूूबसूरत बनाने के लिए आज तक कोई योजना नहीं बनाई गई। लड़कियों की शिक्षा के लिए अलग इस्लामीया गर्ल्ज कॉलेज की स्थापना प्रशंसनीय कार्य है। शहर की बहु संख्या मुस्लिम औरतें पर्दा करती होने के कारण और छोटे बच्चों के लिए अलग पार्क का प्रबंध होना बहुत जरूरी है और साथ ही लड़कियों के लिए सरकारी कार्य प्रमुख प्रशिक्षण केंद्र भी होना चाहिए, जहां गरीब और जरूरतमंद लड़कियां अलग-अलग कामों का प्रशिक्षण लेकर अपने पैरों पर खड़ी हो सकें। शहर में केवल एक ही अमीना पार्क है।

शहर में फोकल प्वाइंट का निर्माण समय की मुख्य जरूरत
सुरिन्द्रपाल सिंह बेदी उद्योगपति ने कहा कि शहर के इंडस्ट्री एरीया में सड़कें बनाने पर 24 घंटे लाइट आदि मुख्य मांगों को सरकार ने पूरा कर दिया है। शहर की छोटी स्माल -स्केल इंडस्ट्री को प्रफुल्लित करने के लिए योग्य कदम उठाए जाने की जरूरत पर जोर देते उन्होंने कहा कि बेरोजगारी के खात्मे के लिए शहर में सरकारी स्तर पर फोकल प्वाइंट के निर्माण बहुत जरूरी है। जहां जरूरतमंद बेरोजगारों को छोटी इंडस्ट्री लगाने के लिए प्लॉट व कर्जे की सुविधा मुहैया करवाई जाएं, ताकि बेरोजगार नौजवानों के घर का चूल्हा भी जल सके।

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