Edited By Updated: 25 Oct, 2016 12:48 AM
राज्य में गन्ना काश्तकारों द्वारा जुलाई माह से ही गन्ना विभाग व पंजाब सरकार समक्ष 1 नवम्बर से...
काहनूवान/गुरदासपुर (विनोद): राज्य में गन्ना काश्तकारों द्वारा जुलाई माह से ही गन्ना विभाग व पंजाब सरकार समक्ष 1 नवम्बर से गन्ना चीनी मिलें शुरू करने का प्रस्ताव रखा गया था। इसके बाद गन्ना काश्तकारों द्वारा अपनी मांगों के लिए बड़े संघर्ष किए गए जिनमें 1 नवम्बर से गन्ना मिलें शुरू करने की मांग मुख्य तौर पर उठाई गई। उक्त विचार पगड़ी सम्भाल जट्टा के नेता गुरप्रताप सिंह व सुखविन्द्र सिंह मुल्लांवाल ने साथियों सहित पत्रकारों से बातचीत करते हुए व्यक्त किए।
उक्त नेताओं ने कहा कि यदि 1 नवम्बर से मिलें नहीं चलतीं और गन्ने की पिराई शुरू नहीं होती तो गन्ना काश्तकारों को बड़ा आॢथक नुक्सान उठाना पड़ेगा क्योंकि किसानों द्वारा गन्ने के खेतों में बीजी जाने वाली अन्य फसलों की बिजली में देरी हो जाती है। इसके अतिरिक्त किसानों का गन्ने की लेबर का खर्च भी बढ़ता है क्योंकि गन्ना लेबर फरवरी माह के बाद अपने पैतृक राज्यों को चली जाती है। इसके अतिरिक्त मार्च-अप्रैल में गर्मी का प्रकोप बढऩे कारण गन्ने के झाड़ पर बुरा प्रभाव पड़ता है। उक्त नेताओं ने चेतावनी दी कि यदि उनकी मांग को 1 नवम्बर से पहले पूरा नहीं किया गया तो किसान संघर्ष करने को मजबूर होंगे।
इस अवसर पर उनके साथ रणजीत सिंह आलमा, सोहन सिंह आलमा, जसबीर सिंह, इकबाल सिंह लाडी, हरप्रीत, इकबाल सिंह लाडी,जगतार सिंह,भगवंत सिंह, सुखदेव सिंह,भूपिन्द्र सिंह सेखवां सहित अन्य भी उपस्थित थे।