फिरौती मांगने का मामलाः आरोपियों की निशानदेही पर वैगनार कार और एक देसी कट्टा बरामद

Edited By swetha,Updated: 26 Jun, 2019 09:48 AM

ransom case

शहर से संबंधित बहरामपुर रोड स्थित माता फूलां वाला मंदिर के पुजारी से फिरौती न मिलने पर मंदिर में खड़ी वैगनार कार को लेकर जाने वाले आरोपियों की निशानदेही पर थाना सिटी गुरदासपुर की पुलिस ने वैगनार कार और देसी कट्टा बरामद किया है।

गुरदासपुर(हरमनप्रीत, विनोद): शहर से संबंधित बहरामपुर रोड स्थित माता फूलां वाला मंदिर के पुजारी से फिरौती न मिलने पर मंदिर में खड़ी वैगनार कार को लेकर जाने वाले आरोपियों की निशानदेही पर थाना सिटी गुरदासपुर की पुलिस ने वैगनार कार और देसी कट्टा बरामद किया है। इससे पहले भी उक्त आरोपियों को एक गाड़ी के साथ गिरफ्तार किया गया था। 

इस संबंधी जानकारी देते हुए डी.एस.पी. सिटी वविंदर महाजन ने बताया कि अश्विनी कुमार पुत्र वजिंदर कुमार निवासी मंदिर माता फूलां वाला ने 20 जून को पुलिस को शिकायत दर्ज करवाई थी कि 2 अज्ञात व्यक्तियों ने उसके मंदिर में दाखिल होकर उसे मारने की धमकियां देते हुए उससे 15 लाख रुपए की फिरौती देने की मांग की थी, मगर उसने जब इतने पैसे न होने की बात कही तो आरोपी घर में खड़ी वैगनार कार लेकर फरार हो गए जिस पर पुलिस ने कार्रवाई शुरू कर दी। उन्होंने बताया कि पुलिस पार्टी ने काहनूवान चौक में नाकेबंदी के दौरान एक बोलैरो गाड़ी (नं.-एच.आर 26 पी 5729) पर सवार वरिंदर सिंह पुत्र हरदेव सिंह, सूरज प्रताप सिंह पुत्र बलराज सिंह और अश्विनी कुमार पुत्र मोती लाल तीनों निवासी अमृतसर को काबू किया था। उनसे सख्ती से पूछताछ करने पर नौजवानों ने यह स्वीकार किया था कि उन्होंने माता फूलां वाला मंदिर के अश्विनी कुमार को धमकी देकर 15 लाख रुपए की फिरौती मांगी थी। वे फिरौती की राशि को वसूल करने आए थे। पुलिस अधिकारी ने आगे बताया कि आरोपियों की निशानदेही पर छीनी गई वैगनार कार तथा एक देसी कट्टा बरामद कर लिया गया है। उन्होंने बताया कि आरोपियों को अदालत में पेश कर रिमांड हासिल किया जाएगा, क्योंकि इनसे अन्य खुलासे होने की संभावना है।

अश्विनी कुमार था घटना का मास्टर माइंड
डी.एस.पी. वविंदर महाजन ने बताया कि इस घटना का मास्टर माइंड अश्विनी कुमार था, जो कि अमृतसर में मोनू बईयां के नाम से मशहूर था। उसने 2011-12 के दौरान गैंगवार के दौरान एक नौजवान को गोली मारकर मौत के घाट उतारा था। उसके खिलाफ पुलिस ने 302 तथा 307 के तहत मामला दर्ज कर उसको गिरफ्तार किया था। यह आरोपी आजकल जमानत पर था। इसी तरह उसके दूसरे साथी सूरज प्रताप सिंह के खिलाफ भी 2 से 3 मामले दर्ज हैं। यह आरोपी यू.पी. से आए असले को आगे बिकवाता था, जबकि तीसरा आरोपी वरिंदर सिंह के खिलाफ कोई आपराधिक मामला मामला दर्ज नहीं है।

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