Edited By Punjab Kesari,Updated: 19 Feb, 2018 02:13 PM
पंजाब की जनता को महंगी रेत और नशे से छुटकारा दिलाने का नारा देकर सत्ता में आई कांग्रेस पार्टी के शासनकाल में एक साल बाद भी न तो नशे पर अंकुश लग पाया है और न ही महंगी रेत से लोगों को निजात मिल पा रही है। आज भी पंजाब के अनेक हिस्सों में रेत माफिया...
फिरोजपुर(मल्होत्रा/जैन): पंजाब की जनता को महंगी रेत और नशे से छुटकारा दिलाने का नारा देकर सत्ता में आई कांग्रेस पार्टी के शासनकाल में एक साल बाद भी न तो नशे पर अंकुश लग पाया है और न ही महंगी रेत से लोगों को निजात मिल पा रही है। आज भी पंजाब के अनेक हिस्सों में रेत माफिया माइनिंग विभाग के अधिकारियों के साथ कथित मिलीभगत कर अवैध खदानें चला रहा है और सोने के दाम से रेत बिक रही है।
बेशक पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह बार-बार यह कर रहे हैं कि पंजाब में नशे पर अंकुश लग गया है और रेत के दामों में गिरावट आई है लेकिन जिस ढंग से सफेद रेता के साथ-साथ ब्लैक सैंड, स्टोन डस्ट, क्रशर, गटका सहित माइङ्क्षनग से संबंधित अनेक आइटमों के रेट आसमान को छू रहे हैं उससे यह बात साबित हो गई है कि माइनिंग माफिया पर कंट्रोल करने में सरकार अभी तक नाकाम साबित हो रही है। जिले में चल रही अनेक अवैध खदानों की शिकायतें मिलने के बाद जब पंजाब केसरी की टीम ने बस्ती बेला सिंह, सुधेवाला, चंगाली, बस्ती वली वाली (गांव बैलर) सहित अनेक गांवों का दौरा किया तो अवैध माइनिंग धड़ल्ले से जारी थी। इतना ही नहीं कुछ खदानों पर रेत निकालने के लिए अलग किस्म के हत्थकंडे अपनाए जाने का मामला भी देखने को आया। पुराने जमाने में कुओं से पानी निकालने के लिए जिन टिंडों का इस्तेमाल किया जाता था, अब रेत माफिया ने उन टिंडों के माध्यम से खदानों से रेत निकालने का काम शुरू कर दिया है जो वाकई चौंकाने वाला मामला है।
कई खड्डों पर पोकलेन मशीनें 30-30 फीट तक गड्ढे कर रेत निकाल कर ट्रकों, टिप्परों और ट्रॉलियों में भर रही थीं। सबसे अहम पहलू तो जिन क्षेत्रों में रेत की वैध व अवैध खदानें चलाई जा रही हैं वहां पर बसने वाले लाखों लोगों के जीवन में जहर घुल रहा है।राज्य के मुख्य दरियाओं सतलुज, रावी, ब्यास, घग्गर और चक्की के धुस्सी बांधों के 100 मीटर के दायरे में हर किस्म की निकासी पर पाबंदी है। हाई लैवल पुल में दरिया के ऊपर व नीचे 500 मीटर तक हर किस्म की निकासी पर रोक है। रेलवे लाइन के 75 मीटर के दायरे में, नैशनल हाईवे एवं दूसरे पुलों से 60 मीटर के दायरे में और नहरों, टैंकों, पब्लिक वक्र्स, रोड्ज से 50 मीटर के दायरे में किसी किस्म की निकासी पर पूर्णता पाबंदी है।