Edited By Punjab Kesari,Updated: 22 Jan, 2018 05:22 PM
जलालाबाद शहर में बेसहारा पशुओं की भरमार इतनी अधिक है कि आए दिन कोई न कोई हादसा होता रहता है, जिसके कारण शहर में आवारा पशुओं की समस्या विकराल रूप धारण करती जा रही है, जरूरत है समय रहते इस पर रोक लगाने की।
जलालाबाद(बंटी दहूजा): जलालाबाद शहर में बेसहारा पशुओं की भरमार इतनी अधिक है कि आए दिन कोई न कोई हादसा होता रहता है, जिसके कारण शहर में आवारा पशुओं की समस्या विकराल रूप धारण करती जा रही है, जरूरत है समय रहते इस पर रोक लगाने की।
इस अवसर पर समाजसेवी एडवोकेट प्रमोद चौधरी, विजय दहूजा (लड्डू), नंबरदार व किसान कुलबीर सिंह माहमूजोइया, जगदीश जसूजा (नीकू), आशीश गुंबर व किसान धर्म सिंह सिद्धू ने विचार रखते हुए कहा कि शहर व आस-पास के गांवों में आवारा पशुओं की भरमार होने के कारण जहां लोग आए दिन हादसों का शिकार हो रहे हैं, वहीं लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने बताया कि गत सप्ताह ऊधम सिंह चौक के पास सांड टकरा जाने से एक एक्टिवा सवार लड़की घायल हो गई। उन्होंने कहा कि जलालाबाद की कोई ऐसी गली नहीं होगी, जहां आपको आवारा पशु दिखाई न दें। जब भी ये आवारा पशु आपस में लड़ते हैं तो ये लड़ते-लड़ते किसी दुकान, घर या वाहनों के ऊपर चढ़ जाते हैं, जिससे जानी व माली नुक्सान भी बहुत बार हो चुका है।
उन्होंने बताया कि पशुओं के ये झुंड अक्सर ही चौकों, लोगों के घरों के आगे लगे फूल पौधों व वृक्षों का नुक्सान कर जाते हैं। नगर कौंसिल व समाज सेवी संस्थाओं द्वारा शहर को हरा-भरा रखने के लिए समय-समय पर फूलों के पौधे आदि लगाए जाते है, परंतु ये आवारा पशु सड़कों के किनारे घास खाते-खाते इन पौधों को भी खा जाते हैं। ये पशुओं के झुंडों के झुंड सड़कों पर घूमते हुए कई बार गाडिय़ों से टकरा जाते हैं और इससे लोग कई बार हादसे का शिकार हो जाते हैं। समूह समाज सेवियों ने मीडिया के माध्यम से बताते हुए कहा कि गौशाला प्रबंधक कमेटी को वे हर पक्ष से पूर्ण सहयोग देंगे ताकि उक्त समस्या का हल मिलकर निकाला जा सके। उन्होंने पंजाब सरकार, प्रशासन व गौशाला प्रबंधकों के आगे मांग की है कि गांवों के बहुत नौजवान ऐसे हैं जो गौसेवा के लिए तैयार हैं व सरकार को चाहिए कि गांवों में पंचायती जमीनों पर छोटी-छोटी गौशालाएं बनाई जाएं ताकि कुछ हद तक राहत मिल सके। अंत में उन्होंने कहा कि जो आवारा पशु घूम रहे हैं, उन्हें गौशाला पहुंचाया जाए ताकि भविष्य में कोई दर्दनाक घटना न हो सके।