राधे मां का वॉयस सैंपल लेकर फोरैंसिक जांच के लिए भेजा

Edited By Des raj,Updated: 20 Sep, 2018 12:56 AM

radhe maa s voice sample sent for forensic investigation

सुखविंद्र कौर उर्फ राधे मां के खिलाफ आपराधिक कार्रवाई की मांग वाली अवमानना याचिका पर स्टेटस रिपोर्ट के रूप में ए.एस.पी. फगवाड़ा संदीप कुमार मलिक का एफिडेविट पेश किया गया। कपूरथला के सुरिंद्र मित्तल ने एस.एस.पी. कपूरथला को पार्टी बनाते हुए अवमानना...

चंडीगढ (बृजेन्द्र): सुखविंद्र कौर उर्फ राधे मां के खिलाफ आपराधिक कार्रवाई की मांग वाली अवमानना याचिका पर स्टेटस रिपोर्ट के रूप में ए.एस.पी. फगवाड़ा संदीप कुमार मलिक का एफिडेविट पेश किया गया। कपूरथला के सुरिंद्र मित्तल ने एस.एस.पी. कपूरथला को पार्टी बनाते हुए अवमानना याचिका दायर की है। रिपोर्ट में कहा गया है कि याची मित्तल की ओर से बातचीत की ऑडियो सी.डी. और टाइपिंग मोड वाली बातचीत फोरैंसिक जांच के लिए भेजी गई है। पुलिस डी.डी.ए. (लीगल) कपूरथला के 5 अक्तूबर, 2015 की पहली राय व हाईकोर्ट के 14 अगस्त, 2018 के आदेशों के तहत कार्रवाई कर रही है। हाईकोर्ट ने आदेशों में पुलिस को कहा कि रिपोर्ट आने के बाद बनती कार्रवाई की जाए। पुलिस ने मामले में 1 महीने का समय मांगा जिसके बाद हाईकोर्ट ने 21 नवम्बर को सुनवाई तय की है।याची पक्ष के वकील कृष्ण सिंह डडवाल ने कहा था कि पुलिस हाईकोर्ट के पूर्व आदेशों की पालना नहीं कर रही। याची ने राधे मां पर ब्लैकमेङ्क्षलग, धमकाने और धार्मिक भावनाएं भड़काने के आरोप लगाए हैं। वहीं, अवमानना याचिका में एस.एस.पी. के खिलाफ अवमानना प्रक्रिया शुरू किए जाने की मांग की है। कहा गया कि प्रतिवादी पक्ष ने जानबूझ कर आपराधिक याचिका में हाईकोर्ट के आदेशों की पालना नहीं की। इससे पहले वर्ष 2015 में दायर याचिका का 15 दिसम्बर, 2015 को निपटारा करते हुए जस्टिस एम.एम.एस. बेदी ने एस.एस.पी. कपूरथला को आदेश दिए थे कि आरोपों की प्रमाणिकता को जांचें और निर्धारित करें कि क्या याची के आरोपों पर कोई अपराध बनता है। 

यह आरोप जड़े
दिसम्बर, 2014 में मुम्बई की लड़की ने याची से संपर्क कर बताया कि राधे मां उसके पति और अन्यों के साथ मिलकर शोषण कर रही है। राधे मां ने पता चलने पर रिश्वत देनी चाही लेकिन याची ने इन्कार कर दिया। याची ने कहा कि 9 से 30 अप्रैल, 2015 तक अज्ञात नंबरों से कॉल्स आईं और धमकाया गया। उसके मुताबिक आरोपों को पुख्ता करने वाली सी.डी. उसके पास है। राधे मां के खिलाफ मुम्बई में भी केस दर्ज हुआ था। 13 अगस्त, 2015 को याची ने पुलिस स्टेशन फगवाड़ा के थाना प्रभारी सहित एस.एस.पी. को शिकायत दी लेकिन कार्रवाई नहीं हुई। इसके बाद हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। आरोप के मुताबिक सुखविंद्र कौर उर्फ राधे मां ने फगवाड़ा में 30 मार्च, 2012 को जगराता करवाया था जिसमें खुद को मां दुर्गा का अवतार बताया था। राधे मां स्टेज पर मां दुर्गा का लाल रंग का चोला पहने बैठी हुई थी। वह अपने आपको ङ्क्षहदू देवी दुर्गा शक्ति मां दिखा रही थी। याचिका में इसे ङ्क्षहदू धर्म व रीति-रिवाजों के खिलाफ बताया गया था।

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