‘ओरों को नसीहत, खुद मियां फजीहत’

Edited By Punjab Kesari,Updated: 06 Mar, 2018 03:49 PM

underground water

पुडा बठिंडा द्वारा सख्त हिदायतें हैं कि मॉडल टाऊन फेज-4 व 5 में इमारतों के निर्माण के लिए भूमिगत जल प्रयोग नहीं किया जा सकता परंतु पुडा खुद लोगों को भूमिगत जल बेच रहा है। यह तो वही बात हुई कि ‘ओरों को नसीहत, खुद मियां फजीहत’।

बठिंडा: पुडा बठिंडा द्वारा सख्त हिदायतें हैं कि मॉडल टाऊन फेज-4 व 5 में इमारतों के निर्माण के लिए भूमिगत जल प्रयोग नहीं किया जा सकता परंतु पुडा खुद लोगों को भूमिगत जल बेच रहा है। यह तो वही बात हुई कि ‘ओरों को नसीहत, खुद मियां फजीहत’।

पुडा खुद बेच रहा भूमिगत जल
यह बात तो हजम होती है कि पुडा ने शोरे से बचत के लिए भूमिगत जल के उपयोग पर सख्ती से रोक लगाई है परन्तु यह बात हजम नहीं हो रही कि लोगों को रोककर पुडा खुद वही पानी दे रहा है। असलियत यह है कि पुडा ने फेज-4 व 5 में जलघर का निर्माण कर दिया था जिसको पानी देने के लिए रोज गार्डन के मुख्य जलघर से पानी की पाइप भी डाली गई है। बकायदा इस जलघर के टैंक में पानी भी पहुंच चुका है। जलघर के ऊपर टैंकों में पानी पहुंचाने के लिए मशीनें भी लग चुकी हैं जबकि विशेष तौर पर लगने वाला बिजली ट्रांसफार्मर भी रखा गया है परंतु इस ट्रांसफार्मर को 4-5 वर्ष में बिजली कनैक्शन नहीं मिल सका परंतु पुडा लोगों को पानी देने के लिए वचनबद्ध था। इसलिए जलघर में ट्यूबवैल लगाकर ऊपर टैंकी में पानी पहुंचाया गया जो अब आम लोगों को बेचा जा रहा है। 

लोग अदालत में जाने को तैयार 
अपने प्लाट में निर्माण कर रहे एक व्यक्ति ने बताया कि पुडा पानी के कनैक्शन के 2500 रुपए ले रहा है, जबकि इमारत के हिसाब से 20 रुपए प्रति स्क्वेयर फुट पानी के लिए जा रहे हैंं। उन्होंने कहा कि 100 गज के प्लाट के मालिक को 2 मंजिलों का निर्माण क रने के लिए पुडा को 25 से &0 हजार रुपए भरने पड़े हैं। यही रकम 500 गज के प्लाट के निर्माण पर 4 गुना या 5 गुना हो जाती है। उन्होंने कहा कि अगर एक व्यक्ति को पानी के लिए इतनी मोटी रकम भरकर भी भूमिगत जल ही मिलना है तो वह 20 हजार रुपए खर्च कर अपनी मोटर ही क्यो न लगाएगा, जोकि सारी उम्र उसके काम आ सकती है। भूमिगत जल के प्रयोग से सारी इमारत पर शोरा चढ़ा हुआ, जो आगे चलकर कई तरह की परेशानियां पैदा करेगा। अगर सबको अपनी मर्जी से पानी प्रयोग करने की इजाजत होती तो हर कोई नहरी पानी का प्रयोग करता और शोरे से बच सकता था। उन्होंने कहा कि पुडा सरेआम लूट रहा है, इस संबंध में वह अदालत में जाएंगे। 

क्या कहते हैं अधिकारी
पुडा के एस्टेट ऑफिसर विनोद बांसल ने माना कि उन्होंने भूमिगत जल के प्रयोग पर रोक लगाई है। निर्माण के लिए नहरी पानी दिया जाना था जिसके लिए सारी तैयारी भी पुरी है परन्तु बिजली कनैक्शन नहीं हुआ तो यह संभव नहीं हो सका। उन्होंने कहा कि वह जगज-जगह मोटर लगाने की इजाजत नहीं दे सकते। इसलिए वह जलघर में ट्यूबवैल लगाकर खुद ही भूमिगत जल दे रहे हैं। 

क्या है पूरा मामला
पुडा से डरते एक व्यक्ति ने अपना नाम न प्रकाशित करने की शर्त पर बताया कि करीब 5 वर्ष पहले पुडा ने मॉडल टाऊन फेज-4 व 5 की बिक्री की थी। प्लाट मालिकों ने कुछ समय बाद ही अपनी इमारतों का निर्माण शुरू कर दिया था। पुडा द्वारा निर्देश जारी हुए थे कि मॉडल टाऊन के अंदर कोई भी व्यक्ति धरती के नीचे से पानी नहीं निकाल सकता। निर्माण के लिए जरूरत अनुसार पानी उसको पुडा द्वारा दिया जाएगा जो नहरी पानी होगा। पानी बदले प्लाट मालिको को 20 रुपए प्रति वर्ग फुट के हिसाब से एकमुश्त रकम पुडा के पास जमा करवानी होगी। इसके लिए बकायदा जलघर का निर्माण भी किया गया था। पुडा ने ये भी निर्देश दिए कि अगर कोई व्यक्ति उक्त नियमों की पालना नहीं करता और पानी की बनती कीमत नहीं भरता तो न सिर्फ उसके निर्माण पर रोक लग सकती है बल्कि उसको भारी जुर्माना भी भरना पड़ सकता है। इसका मतलब भूमिगत जल इमारतों के लिए हानिकारक है, क्योंकि इसमें शोरे की मात्रा काफी अधिक होती है। आम तौर पर भी देखा गया है कि इमारत निर्माण या अन्य काम के लिए भी लोग भूमिगत जल के प्रयोग से गुरेज करते हैं। 

Related Story

Trending Topics

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!