Edited By Punjab Kesari,Updated: 23 Feb, 2018 07:45 AM
बठिंडा पुलिस ने आरोपी को बचाने के लिए दुष्कर्म के मामले को दहेज के मामले में तबदील कर पीड़िता को इंसाफ की बजाय मानसिक प्रताडऩा दी जबकि न्यायालय में गुहार लगाने पर न्यायाधीश ने इंसाफ देते हुए पुन: केस की सुनवाई की। लगभग डेढ़ वर्ष पहले तत्कालीन...
बठिंडा (विजय): बठिंडा पुलिस ने आरोपी को बचाने के लिए दुष्कर्म के मामले को दहेज के मामले में तबदील कर पीड़िता को इंसाफ की बजाय मानसिक प्रताडऩा दी जबकि न्यायालय में गुहार लगाने पर न्यायाधीश ने इंसाफ देते हुए पुन: केस की सुनवाई की। लगभग डेढ़ वर्ष पहले तत्कालीन एस.एस.पी. स्वप्न शर्मा और एस.पी. ऑप्रेशन गुरमीत सिंह के पास दुष्कर्म पीड़िता ने शिकायत दर्ज करवाई लेकिन पुलिस ने मामले को कोई और रंग देकर उसे दहेज प्रताडऩा में तबदील कर दिया था। पीड़िता ने इंसाफ के लिए अदालत में दस्तक दी और निचली अदालत ने पुलिस की कहानी को झूठा करार दिया और सुनवाई शुरू कर दी।
आरोपी को बचाने के लिए हटाई दुष्कर्म की धाराएं
उत्तर प्रदेश निवासी युवती ने बङ्क्षठडा की रिफाइनरी में काम करने वाले इंजीनियर अमित कुमार कमल के खिलाफ 2016 में उस समय बङ्क्षठडा के एस.एस.पी. स्वप्न शर्मा के पास शिकायत दी थी कि अमित शादी का झांसा देकर उसके साथ दुष्कर्म कर रहा है। शिकायत की जांच के बाद पुलिस ने आरोपी अमित कुमार के खिलाफ शादी का झांसा देकर दुष्कर्म करने के आरोप में मुकद्दमा नंबर 32 जून 2016 दर्ज कर लिया था जिसके बाद जनवरी 2017 में एस.पी. ऑप्रेशन गुरमीत सिंह ने आरोपी को फायदा पहुंचाने के लिए बिना किसी ठोस सबूतों के केस से दुष्कर्म की धाराएं हटाकर दहेज की धारा लगा दी जिसको तत्कालीन एस.एस.पी. स्वप्न शर्मा ने भी मंजूरी दे दी थी।
शादी हुई नहीं कैसे बना दहेज का मामला : कोर्ट
पुलिस अधिकारियों की ओर से अपने साथ की गई बेइंसाफ का विरोध करते हुए पीड़िता ने पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट की शरण ली जहां पर हाईकोर्ट ने 18 जनवरी 2018 को एक ऑर्डर पास करते हुए कहा कि पुलिस ने उक्त केस में से गलत तारीके के साथ दुष्कर्म की धाराएं हटाई हैं क्योंकि पीड़िता की तो कभी आरोपी से शादी ही नहीं हुई। इसके बाद 15 फरवरी 2018 को बङ्क्षठडा की स्थानीय अदालत ने उक्त केस में चार्ज फ्रेम करते हुए पुलिस की ओर से मनगढ़त कहानी बनाकर केस को दहेज में बदलने की कहानी को झूठा करार देते हुए कहा कि पीड़िता ने तो कभी दहेज की शिकायत की ही नहीं। तो ऐसे में पुलिस ने कैसे दुष्कर्म की धाराओं को दहेज में बदल दिया। इसके बाद अदालत ने उक्त केस की सुनवाई दुष्कर्म की धाराओं के तहत करने के लिए 28 फरवरी तय की है।
पुलिस के खिलाफ हाईकोर्ट से मांगा जाएगा इंसाफ : पीड़िता
पीड़िता ने बताया कि बठिंडा के तत्कालीन एस.एस.पी. स्वप्न शर्मा और एस.पी. गुरमीत सिंह को पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट के आदेश की कापी भी दी गई थी लेकिन उक्त पुलिस अधिकारियों ने आरोपी अमित को फायदा पहुंचाने के लिए उसके दुष्कर्म के केस को दहेज के केस में तबदील कर दिया था लेकिन अब उसे निचली अदालत के ऑर्डर से इंसाफ मिलने की उम्मीद जागी है। पीड़िता ने कहा कि ऐसे पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए वह पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट की शरण में जाएगी और इंसाफ की मांग करेगी।
क्या कहते हैं एस.पी.
इस मामले संबंधी एस.पी. ऑप्रेशन गुरमीत सिंह ने कहा कि पुलिस ने आरोपी की ओर से पेश किए गए दस्तावेज के आधार पर दुष्कर्म की धाराओं को हटाकर दहेज की धारा लगाई थी लेकिन अब जो अदालत का निर्णय है वही मान्य है।