आर्थिक तंगी से जूझ रही नगर निगम ने किराएदारों पर कसा शिकंजा

Edited By Vatika,Updated: 22 Jan, 2019 04:34 PM

municipal corporation bathinda

पंजाब सरकार की ओर से नगर निगम बठिंडा को कोई भी ग्रांट देने से इंकार करने के बाद नगर निगम ने अपने स्तर पर आय के स्रोत बढ़ाने संबंधी निगम की 401 दुकानों पर शिकंजा कसते हुए उनका रिकार्ड खंगालना शुरू कर दिया।

बठिंडा (विजय): पंजाब सरकार की ओर से नगर निगम बठिंडा को कोई भी ग्रांट देने से इंकार करने के बाद नगर निगम ने अपने स्तर पर आय के स्रोत बढ़ाने संबंधी निगम की 401 दुकानों पर शिकंजा कसते हुए उनका रिकार्ड खंगालना शुरू कर दिया। 

निगमायुक्त ऋषिपाल की गुहार के बाद निकाय विभाग के 4 विजीलैंस अधिकारियों ने देर सायं नगर निगम बठिंडा में दबिश दी और किराए संबंधी 401 दुकानों का रिकार्ड कब्जे में लेकर जांच शुरू कर दी। विजीलैंस टीम में शामिल 4 अधिकारी जिनमें हरबख्श सिंह वरिष्ठ क्षेत्रीय अधिकारी, वरिष्ठ विजीलैंस अधिकारी महिंद्रपाल सिंह, रमनदीप सिंह व ईशान गोयल शामिल हैं। निगमायुक्त को शक है कि किराए पर चल रही 401 दुकानों में कहीं गड़बड़ है। लगभग 2 से 3 दशकों से बैठे किराएदारों ने न तो किराया बढ़ाया और न ही एग्रीमैंट का नवीनीकरण करवाया। निगम की 400 दुकानें बिना एग्रीमैंट के ही चल रही हैं। 

कई दुकानें तो ऐसी हैं जिनसे निगम को मात्र 200 से  1000 रुपए किराया ही आता है। निगम की अधिकतर दुकानें सबलैट की हुई हैं जिसकी कमाई किराएदार ही खा रहे हैं जबकि निगम को ठेंगा दिखाया जा रहा है। 401 दुकानों का मात्र डेढ़ करोड़ किराया ही निगम को प्रतिमाह मिल रहा है जबकि बाजारी भाव के अनुसार किराए की यह रकम साढ़े 4 करोड़ रुपए होनी चाहिए थी। किराए से अपनी आय बढ़ाने के लिए निगम ने विजीलैंस टीम को जांच का जिम्मा सौंपा है।

Related Story

Trending Topics

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!