कांगड़ का मंत्री बनना कैप्टन के एक तीर से दो निशाने

Edited By Vatika,Updated: 22 Apr, 2018 11:24 AM

gurpreet kangar

आजकल मालवा के राजनीतिक क्षेत्रों में प्रमुख तौर पर यही चर्चा का विषय है कि गुरप्रीत कांगड़ को मंत्री बनाकर कैप्टन अमरेन्द्र सिंह मुख्य मंत्री ने एक तीर से दो निशाने लगाए हैं जिसका लाभ अगली लोक सभा के चुनाव में मिल सकता है। चर्चा है कि कैप्टन...

बठिंडा (बलविंद्र): आजकल मालवा के राजनीतिक क्षेत्रों में प्रमुख तौर पर यही चर्चा का विषय है कि गुरप्रीत कांगड़ को मंत्री बनाकर कैप्टन अमरेन्द्र सिंह मुख्य मंत्री ने एक तीर से दो निशाने लगाए हैं जिसका लाभ अगली लोक सभा के चुनाव में मिल सकता है। चर्चा है कि कैप्टन अमरेन्द्र सिंह व वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल के बीच तनाव लंबे समय से चल रहा है।

2 बड़े नेताओं में तनाव होना स्वाभाविक भी है। मालवा क्षेत्र का इकलौता मंत्री होने के कारण मनप्रीत सिंह बादल की गुड्डी चढ़ी हुई थी, जो कैप्टन ग्रुप को अच्छा नहीं था लग रहा। शायद कैप्टन ने उसी हलके में अपने खासमखास विधायक गुरप्रीत सिंह कांगड़ को मंत्री बनाकर मनप्रीत सिंह बादल के बराबर खड़ा कर दिया है। यह भी चर्चा है कि विधान सभा चुनाव में मालवा क्षेत्र ही था जहां आम आदमी पार्टी का दबदबा अधिक रहा और उसने सब से अधिक सीटें में इस क्षेत्र में ही प्राप्त कीं, जैसे कि बङ्क्षठडा देहाती, तलवंडी साबो, मौड़, मानसा, बुढलाडा, भदौड़, बरनाला, महिल कलां, जैतो, कोटकपूरा, निहाल सिंह वाला आदि हलकों में आम आदमी पार्टी विजेता रही, जबकि पहले कांग्रेस अच्छी पोजीशन में रहती थी। उसे सरदूलगढ़, मुक्तसर, लंबी, अबोहर, जलालाबाद सीटों पर भी कांग्रेस को अकाली-भाजपा के हाथों से हार झेलनी पड़ी। 

मनप्रीत सिंह बादल के मंत्री बनने के बाद उम्मीद थी कि उपरोक्त में बड़ी संख्या में सीटों पर कांग्रेस फिर मजबूत होकर उभरेगी, जिसके नतीजे लोक सभा चुनावों में मिलेंगे परन्तु जब से सरकार बनी है, तभी से मनप्रीत सिंह बादल का विरोध जारी है। बादल के मंत्री होते थर्मल कर्मी, आंगनबाड़ी वर्कर, किसान यूनियन, मजदूर यूनियन व अन्य संगठन बठिंडा में लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं, जबकि वित्त मंत्री व्यस्तता के कारण आम लोगों की पहुंच से भी दूर रह रहे हैं, जबकि कांग्रेसी वर्कर भी आशानुसार सुविधाएं लेने में कामयाब नहीं हो सके। नतीजे के तौर पर मनप्रीत सिंह बादल कांग्रेस के लिए वह कुछ नहीं कर सके, जिससे कांग्रेस मालवा में मजबूत हो सकती। इससे लग रहा है कि वित्त मंत्री का बोझ कम करने के लिए जिसको ताकत बांटना भी कहा जा सकता है, गुरप्रीत सिंह कांगड़ को मंत्री बनाया गया है। कांगड़ के मंत्री बनने से कांग्रेस आप व अकाली-भाजपा का दबदबा कम कर खुद को मजबूत कर सकेगी। आगे लोक सभा चुनाव आ रहे हैं। कांगड़ के मंत्री बनने से कांग्रेस को हलका बङ्क्षठडा और हलका फरीदकोट में भी लाभ मिल सकता है, क्योंकि हलका फूल जिला बङ्क्षठडा का हिस्सा है, जबकि हलका फरीदकोट का हिस्सा भी है। 

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