Edited By Punjab Kesari,Updated: 08 Jan, 2018 09:52 AM
बिहार का चारा घोटाला काफी चर्चा में रहा है जिसके मुख्य आरोपी लालू प्रसाद यादव को सजा भी हो चुकी है। इसी तरह पंजाब में भी कई अधिकारी भी लालू हैं, जिन्होंने गौशालाओं के करोड़ों रुपए हड़प लिए लेकिन किसी पर भी कार्रवाई नहीं हो सकी।
बठिंडा(बलविंद्र): बिहार का चारा घोटाला काफी चर्चा में रहा है जिसके मुख्य आरोपी लालू प्रसाद यादव को सजा भी हो चुकी है। इसी तरह पंजाब में भी कई अधिकारी भी लालू हैं, जिन्होंने गौशालाओं के करोड़ों रुपए हड़प लिए लेकिन किसी पर भी कार्रवाई नहीं हो सकी। मौजूदा सरकार पर गौवंश की परवाह न करने के आरोप लग रहे हैं। गौर हो कि पंजाब की सड़कों पर करीब 1.25 लाख गौवंश घूम रहे हैं जो न सिर्फ फसलों की बर्बादी करते हैं बल्कि हादसों का कारण भी बनते हैं जिस कारण हर वर्ष सैंकड़ों कीमती जानें चली जाती हैं।
अकाली-भाजपा सरकार ने पंजाब के सभी जिलों में नई गौशालाएं बनाने का प्रोजैक्ट तैयार किया था जिनमें बकायदा शैड बनाकर गौवंश के लिए हरे चारे का प्रबंध भी करना था। इस प्रोजैक्ट के लिए सरकार ने 40 करोड़ रुपए जारी किए थे जिसके तहत हर जिले को 1.68 करोड़ रुपए मिले थे। इस पैसे का सही प्रयोग करवाना डिप्टी कमिश्नरों की जिम्मेवारी थी। इस प्रोजैक्ट के तहत बठिंडा, मानसा, फाजिल्का, मुक्तसर व पठानकोट जिलों में सराहनीय काम हुआ।
जहां फंडों का सही प्रयोग हुआ परंतु अन्य जिलों में फंडों का दुरुपयोग बड़े स्तर पर हुआ। जबकि नवांशहर, रोपड़, अमृतसर, होशियारपुर, गुरदासपुर ऐसे जिले हैं जहां के अधिकारी गौवंशों का पैसा खाने में आगे रहे। यहीं बस नहीं होशियारपुर व नवांशहर के अधिकारी तो और भी आगे निकल गए जिन्होंने शोर पडऩे पर गलती मानते हुए क्रमवार 4.5 लाख व 12.56 लाख रुपए वापस भी सरकारी खजाने में जमा करवा दिए।