चावल स्कैम मामलाः सस्पैंड अधिकारी की शिकायत पर दर्ज हुई FIR

Edited By Punjab Kesari,Updated: 07 Jan, 2018 01:41 PM

rice scam case

बरनाला में दिसम्बर माह के अंतिम सप्ताह में हुआ चावल घोटाला जिसमें पुलिस ने चाहे उरीगो कंपनी के 3 कर्मचारियों पर केस दर्ज कर लिया था व इसके बाद शहर के एक बड़े शैलर मालिक को इस केस में गिरफ्तार कर लिया था परंतु इस केस की बहुत सारी कडिय़ां अभी अनसुलझी...

बरनाला (विवेक सिंधवानी,गोयल): बरनाला में दिसम्बर माह के अंतिम सप्ताह में हुआ चावल घोटाला जिसमें पुलिस ने चाहे उरीगो कंपनी के 3 कर्मचारियों पर केस दर्ज कर लिया था व इसके बाद शहर के एक बड़े शैलर मालिक को इस केस में गिरफ्तार कर लिया था परंतु इस केस की बहुत सारी कडिय़ां अभी अनसुलझी हैं। 

क्या था मामला
गत 28 दिसम्बर की शाम को रेलवे प्लेटी पर साबरमती को जाने वाली रेलगाड़ी में चावल लाद रहे मजदूरों ने चावलों की कुछ बोरियां खोलकर देख ली थी जिसमें नान स्टैंडर्ड चावल भरे हुए थे जिस पर एफ.सी.आई. के मैनेजर डिपो-2 स्वर्ण सिंह के बयानों पर 30 दिसम्बर को थाना सदर बरनाला में उरीगो कंपनी के कलस्टर मैनेजर अनुराग सिंह, मोहित कुमार व सोमपाल विरुद्ध केस दर्ज किया गया था व अनुराग सिंह को पुलिस द्वारा गिरफ्तार कर लिया गया था जबकि बाकी दोनों कर्मचारी फरार थे।

गत दिवस स्थानीय पुलिस द्वारा इस मामले में शैलर मालिक मदन लाल की गिरफ्तारी डाली गई है परंतु सवाल यहां यह उठता है कि एफ.सी.आई. के जिस मैनेजर स्वर्ण सिंह के बयानों पर 30 दिसम्बर को उक्त केस दर्ज किया गया उसी कर्मचारी को इसी केस में एफ.सी.आई. के जनरल मैनेजर कुमार राहुल द्वारा 29 दिसम्बर को ही तत्काल प्रभाव से अपने आदेश नंबर 3562 से सस्पैंड किया हुआ है। स्वर्ण सिंह के साथ-साथ जनरल मैनेजर द्वारा राकेश कुमार,राजिन्द्र कुमार टी.ए. व ऋषि कुमार को भी सस्पैंड करके स्वर्ण सिंह व राजिन्द्र कुमार को हैड आफिस पटियाला व राकेश कुमार व ऋषि कुमार को हैड आफिस चंडीगढ़ में भेजा गया है। अब प्रश्न यह उठता है कि जिस घोटाले में महकमे द्वारा अपने ही कर्मचारी को सस्पैंड किया गया है क्या वही उस घोटाले में पुलिस के पास एफ.आई.आर. दर्ज करवा सकता है।

दूसरा जिस शैलर मालिक मदन लाल को इस केस में पुलिस द्वारा गिरफ्तार किया गया है उसने 2016-17 में एस.के. उरीगो गोदाम में कोई माल ही डंप नहीं किया। यहां यह प्रश्न खड़ा होता है कि उरीगो गोदाम की सुपरविजन पनग्रेन एजैंसी द्वारा की जाती है। इस केस में सारी कार्रवाई एफ.सी.आई. द्वारा करवाई गई है। पनग्रेन एजैंसी ने पुलिस को कोई शिकायत नहीं की। 

क्या कहते हैं जिला पुलिस मुखी  

इस संबंधी जिला पुलिस मुखी हरजीत सिंह से संपर्क करने पर उन्होंने कहा कि यह केस एफ.सी.आई. के मैनेजर स्वर्ण सिंह की शिकायत पर दर्ज किया गया है। एक प्रश्न के उत्तर में उन्होंने कहा कि सस्पैंड का अर्थ यह नहीं कि वह आरोपी पाया गया है वह विभागीय काम नहीं कर सकता परंतु शिकायत तो दे ही सकता है। 

फिर से जांच करवाई जाएगी : जनरल मैनेजर
इस संबंधी एफ.सी.आई. के जनरल मैनेजर कुमार राहुल ने कहा कि इस केस में उनके द्वारा एफ.सी.आई. के कुछ कर्मचारी सस्पैंड किए गए थे परंतु उनकी फिर से जांच करवाई जाएगी व यदि वे बेकसूर पाए गए तो उनकी बहाली कर दी जाएगी। 

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