Edited By Vaneet,Updated: 11 Jan, 2019 12:48 PM
काले धन पर शिकंजा कसने के लिए जहां इंकम टैक्स विभाग बड़े व्यापारिक प्रतिष्ठानों व फर्जी कंपनियों पर लगातार रेड व सर्वे कर रहा है वहीं दूसरी ...
अमृतसर(नीरज): काले धन पर शिकंजा कसने के लिए जहां इंकम टैक्स विभाग बड़े व्यापारिक प्रतिष्ठानों व फर्जी कंपनियों पर लगातार रेड व सर्वे कर रहा है वहीं दूसरी तरफ वित्तीय लेन-देन में काले धन का प्रयोग करने वालों के खिलाफ इंकम टैक्स इंटैलीजैंस एंड क्रिमिनल इन्वैस्टीगेशन विंग ने भी अभियान छेड़ रखा है।
जानकारी के अनुसार आज विभाग ने 9 जिलों-अमृतसर, तरनतारन, फिरोजपुर, गुरदासपुर, पठानकोट, कपूरथला, फरीदकोट, अबोहर व फाजिल्का के विभागीय अधिकारियों के साथ बैठक करके उनको वित्त मंत्रालय के आदेशों के बारे में अवगत करवाया है और अपील भी की है कि सभी विभाग अपनी-अपनी एस.एफ.टी. (स्टेटमैंट ऑफ फाइनांशियल ट्रांजैक्शन) 31 मई, 2019 तक विभाग में फाइल करें। यदि किसी भी विभाग का अधिकारी आई.एंड सी.आई. विंग को गलत या फिर अधूरी जानकारी देगा तो संबंधित अधिकारी को 500 रुपया प्रतिदिन के हिसाब से या फिर 50 हजार रुपए तक जुर्माना किया जाएगा। इसके अलावा विभागीय कार्रवाई के लिए भी वित्त मंत्रालय की तरफ से गलत एस.एफ.टी. फाइल करने वाले अधिकारियों के खिलाफ शिकायत की जाएगी।
जानकारी के अनुसार इंकम टैक्स इंटैलीजैंस एंड क्रिमिनल इन्वैस्टीगेशन विंग के डायरैक्टर संदीप दहिया के निर्देशानुसार आयकर अधिकारी मीरा नागपाल ने परिवहन विभाग, राजस्व विभाग, कार डीलर्स, फोरैक्स डीलर्स, पोस्ट ऑफिस, बैंकर्स व अन्य विभागों के अधिकारियों के साथ बैठक करके अपील की है कि वह अपने-अपने विभागों के वित्तीय लेन-देन की जानकारी विभाग को पूरी ईमानदारी के साथ दें क्योंकि ईमानदारी के साथ जमा किया गया इंकम टैक्स देश के विकास व प्रगति पर खर्च किया जाता है। इसलिए सभी नागरिकों की जिम्मेदारी बनती है कि वह ईमानदारी के साथ अपना टैक्स जमा करें व अपने वित्तीय लेन-देन की जानकारी विभाग को दें।
प्रापर्टी कारोबार में काला धन ट्रेस करने के लिए बनाया 269 (एस.एस.)
आयकर अधिकारियों ने राजस्व विभाग के सब-रजिस्ट्रार, तहसीलदार व नायब तहसीलदारों के साथ वार्तालाप में कहा कि आमतौर पर देखने में आया है कि काले धन को ज्यादातर लोग प्रापर्टी के कारोबार में इन्वैस्ट करते हैं। इंकम टैक्स विभाग बेनामी एक्ट व 269 (एस.एस.) के तहत पूरे देश में अरबों रुपयों की प्रापर्टी जब्त कर चुका है। इतना ही नहीं जमीन-जायदाद की खरीद व बिक्री के लिए विभाग ने 269 (एस.एस.) कानून के तहत 20 हजार रुपए से ज्यादा का लेन-देन चैक या ड्राफ्ट के रूप में किया जाना अनिवार्य किया है। बाकायदा रजिस्ट्री करते समय चैक व ड्राफ्ट का नंबर भी रजिस्ट्री में लिखा जाता है और तहसीलदार व सब रजिस्ट्रार की तरफसे इसको देखना यकीनी भी बनाया गया है। रजिस्ट्रियों के साथ आधार कार्ड खरीदने व बेचने वाले का अनिवार्य किया गया है।
राजस्व विभाग के अधिकारियों के लिए हर 5 लाख से लेकर 30 लाख रुपए या फिर इससे भी अधिक की रजिस्ट्री की जानकारी इंकम टैक्स विभाग को देना अनिवार्य है। राजस्व विभाग को अपनी एस.एफ.टी. फाइल करते समय हर प्रकार की जानकारी देना जरूरी है। लापरवाही के मामले में विभाग की तरफ से अमृतसर सब-रजिस्ट्रार व अन्य जिलों की तहसीलों में रेड भी की जा चुकी है।