Edited By Mohit,Updated: 07 Apr, 2019 03:43 PM
ट्रैवल एजैंट का शिकार हो पिछले 8 माह से मलेशिया में फंसा बटाला की भुल्लर रोड का रहने वाला विंकलप्रीत सिंह हैल्पिंग हैल्प लैस संस्था की मदद से भारत पहुंचा, जिसे बटाला के एक ट्रैवल एजैंट ने डेढ़ लाख रुपए लेकर..............
अमृतसर (संजीव): ट्रैवल एजैंट का शिकार हो पिछले 8 माह से मलेशिया में फंसा बटाला की भुल्लर रोड का रहने वाला विंकलप्रीत सिंह हैल्पिंग हैल्प लैस संस्था की मदद से भारत पहुंचा, जिसे बटाला के एक ट्रैवल एजैंट ने डेढ़ लाख रुपए लेकर मलेशिया में पक्के तौर पर सैटल करने का सपना दिखाया था, मगर न तो विंकलप्रीत सिंह को उसने कोई वर्क परमिट दिलाया और न ही मलेशिया में उसकी नौकरी के लिए कोई मदद ही की, 15 दिन के टूरिस्ट वीजे पर विंकलप्रीत को उसने मलेशिया रवाना कर दिया और उसे वहां उसके हाल पर छोड़ दिया।
8 माह धक्के खाने के बाद विंकलप्रीत ने हैल्पिंग हैल्प लाइन संस्था की संचालिका बीबी अमनजोत कौर रामूवालिया के साथ सम्पर्क किया और उन्हें भारत लाने को कहा। जिस पर संस्था द्वारा मलेशिया में भारतीय एवं मलेशियन एम्बैसी के साथ सम्पर्क साधा गया और उसे वापिस भारत लाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई। इसी बीच विंकलप्रीत के अचानक गहरी चोट लग गई और वह बीमार हो गया। संस्था ने किसी तरह उसका भारतीय दूतावास से विंकलप्रीत को वाइट पासपोर्ट जारी करवाया और उसे यहां से टिकट भिजवा भारत लेकर आए।
पत्रकार सम्मेलन के दौरान विंकलप्रीत ने जानकारी दी कि बटाला के एक ट्रैवल एजैंट ने उसे मलेशिया के एक होटल में नौकरी दिलवाने का झांसा दिया था और डेढ़ लाख रुपए लेकर उसे दिल्ली से मलेशिया भेज दिया। जब वह एयरपोर्ट पर पहुंचा तो कोई व्यक्ति उसे वहां लेने के लिए नहीं आया और वह किसी तरह अपने पहचान वाले लड़के के पास पहुंचा, जहां उनकी मदद से वह सुरक्षा कर्मचारी की नौकरी करने लगा। जब नौकरी हाथ से चली गई तो वह वहां अवैध हो गया, कई दिनों तक उसे भूखे पेट फुटपाथ पर भी रहना पड़ा। जिसके बाद उसके घर वालों ने किसी तरह बीबी अमनजोत कौर रामूवालिया के साथ सम्पर्क सादा और संस्था की मदद से वापिस अपने घर आ सका।