Edited By Updated: 23 Jan, 2016 11:38 AM
पति मरने के बाद जीवन कैसे जिया जाता है ये तो वहीं महिलाएं बता सकती हैं जिनका पति अपने बच्चों के छोड़ अपने अाप ही को खत्म कर ले।
संगरूरः पति मरने के बाद जीवन कैसे जिया जाता है ये तो वहीं महिलाएं बता सकती हैं जिनका पति अपने बच्चों के छोड़ अपने अाप ही को खत्म कर ले।
एक ही घर में दो बार शादी होने के बाद भी आज बलदेव कौर विधवा है। आर्थिक तंगी के कारण घर के 4 पुरुष अपनी जीवनलीला समाप्त कर चुके हैं। ऐसे में कर्जे के बोझ में दबी एक ही घर की 4 विधवा महिलाएं जीने के लिए संघर्ष कर रही हैं। दुख इस बात का है कि घर में एकमात्र जवान लड़का भी शराब का आदि है जिसका खर्च भी महिलाएं खुद उठा रही हैं।
गांव छाजली के एक छोटे से घर में बलदेव कौर अपने परिवार के साथ रहती है, जिसमें कमाने वाला कोई पुरुष नहीं बचा है। बलदेव कौर बताती है करीब 37 वर्ष पहले उसके पहले पति की सड़क हादसे में मौत हो गई थी। उस समय वह 7 माह की गर्भवती थी, जिसके बाद दूसरे पति बेअंत सिंह के साथ सब कुछ ठीक चल रहा था।
खेतीबाड़ी के नुकसान होने के बाद लोन लिया। घर की तंगी के कारण बेटा कुलविंदर पिता से पैसे नहीं मांगता था । वर्ष 2000 में कुलविंदर ने एक शाम सल्फास निगल ली।
पति बेअंत कर्जे से काफी परेशान थे जिसके बाद 2003 में बेअंत सिंह ने भी जहरीली दवा पी कर अपनी जान दे दी। दूसरा लड़का जोगराज जवान था जिसकी शादी गुरप्रीत कौर से की गई थी। जोगराज परिवार का पालन पोषण संभाल रहा था परंतु पिता से मिले कर्जे को जोगराज भी भरने में असमर्थ था। जोगराज की पत्नी गुरप्रीत कौर बताती है कि वर्ष 2004 में घर में ही एक इकट्ठ होना था। उसी दौरान जोगराज ने अपने पिता की तरह खुद को कमरे में बंद कर लिया। कमरे में जहर निगल लिया और खुदकुशी की ली।र निगल लिया और खुदकुशी की ली।