ट्रेनों के पटरी से उतरने की घटनाओं का जिम्मेदार आखिर कौन?

Edited By Punjab Kesari,Updated: 22 Sep, 2017 01:10 AM

who is responsible for the derailment of the trains

पिछले 1 महीने में देश में 9 रेल हादसे हुए। इन हादसों में बिना किसी वाहन से टकराए ट्रेनें पटरी से उतरीं....

जालंधर(गुलशन अरोड़ा): पिछले 1 महीने में देश में 9 रेल हादसे हुए। इन हादसों में बिना किसी वाहन से टकराए ट्रेनें पटरी से उतरीं। इन रेल हादसों ने यात्रियों के अलावा रेलवे विभाग को भी सोचने पर मजबूर कर दिया कि आखिर बार-बार हो रही घटनाओं का कारण क्या है? क्या ये कुदरती हादसे हैं? आतंकी घटनाएं माननीय चूक या खराब हो चुका इंफ्रास्ट्रक्चर है। 

नीति आयोग की बैठक के बाद बिबेक देबरॉय और किशोर देसाई द्वारा लिखी गई रिपोर्ट में इन सवालों के जवाब सामने आ रहे हैं। इनके मुताबिक साल 2012-13 से 2016-17 तक काफी रोचक तथ्य सामने आए हैं। परिणामस्वरूप 2016-17 में रेल हादसे चाहे कम हुए लेकिन प्रति एक्सीडैंट इस दौरान मरने वालों की संख्या बढ़ी है। इस पीरियड के दौरान हर साल डीरेलमैंट की घटनाएं बढ़ी हैं। साल 2012-13 और 2015-16 के मुकाबले 2016-17 में रेल हादसों में मरने वालों की संख्या भी बढ़ी है। 

उल्लेखनीय है कि भारतीय रेलवे एक बहुत बड़ा ऑर्गेनाइजेशन है। ट्रेनों को  चलाने के लिए कई विभागों का आपसी तालमेल होता है। रेल हादसों के बाद संबंधित विभाग के कर्मचारियों की जिम्मेदारी फिक्स कर दी जाती है। रेलवे बोर्ड के मुताबिक 2012-13 में हुए हादसे  के लिए इंजीनियरिंग विभाग को दोषी ठहराया गया। यही बात अब 2016-17 में भी दोहराई जा रही है, क्योंकि अब तक ज्यादातर घटनाएं रेल ट्रैक फेल्योर होने से हुई हैं। यहां यह भी बताने योग्य है कि 2012-13 और 2016-17 में 44 प्रतिशत डिरेलमैंट की घटनाएं इंजीनियरिंग विभाग की गलती से हुई हैं जबकि 5 प्रतिशत से भी कम घटनाएं उपकरणों की कमी से हुई हैं। 

रेलवे बोर्ड के एक सदस्य के मुताबिक जितने मर्जी कर्मचारी बदल दिए जाएं यहां सेफ्टी के नाम पर पैसे बर्बाद कर दिए जाएं। इसका कोई फायदा नहीं इस समय सबसे बड़ी जरूरत विजीलैंस विभाग को बढ़ाने की है। कमेटी द्वारा पेश की गई एक अन्य रिपोर्ट के मुताबिक कर्मचारियों की कमी होने के अलावा लापरवाही, कमजोर मैंटीनैंस, शॉर्टकट और सेफ्टी नियमों का पालन न करना भी हादसों के मुख्य कारण है। रेल हादसों को रोकने के लिए इन सब पर भी ध्यान देने की जरूरत है। 

नैशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो के मुताबिक साल 2015 में रेल हादसों और ट्रेन की चपेट में आकर 26,006 लोगों की मौत हुई। दूसरी तरफ  वित्त मंत्री अरुण जेतली ने 5 सालों में यात्रियों की सुरक्षा के लिए राष्ट्रीय रेल सुरक्षा कोष के लिए 10 खरब रुपए संग्रह करने की घोषणा की है। इस चालू वर्ष में केंद्र सरकार द्वारा 15000 करोड़ रुपए रेलवे सेफ्टी फंड में ट्रांसफर किए गए। इसके अलावा 5000 करोड़ रेलवे को अपने स्तर पर इकट्ठे करने के लिए कहा गया। इस फं ड को रेलवे जरूरी कामों पर खर्च करने के अलावा अपने इंफ्रास्ट्रक्चर को भी मजबूत करेगा। 

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