Edited By Updated: 30 Oct, 2016 05:43 PM
चाइनीज लडिय़ों के बहिष्कार के आह्वान का असर इस बार बाजारों पर जमकर दिख रहा है। लोगों ने चाइनीज लडिय़ां खरीदने से इंकार कर दिया है।...
नवांशहर(मनोरंजन): चाइनीज लडिय़ों के बहिष्कार के आह्वान का असर इस बार बाजारों पर जमकर दिख रहा है। लोगों ने चाइनीज लडिय़ां खरीदने से इंकार कर दिया है। हाल यह है कि बाजार में लडिय़ां निकालना दुकानदारों के लिए बड़ा मुश्किल हो गया है। हर दूसरा ग्राहक दुकान पर जाकर इंडियन लड़ी की मांग कर रहा है, जिसकी आपूॢत ज्यादातर दुकानदार करने में नाकाम रहे क्योंकि 90 प्रतिशत दुकानदार पहले से ही चाइनीज लड़ी खरीदकर ला चुके थे। धनतेरस पर भी हाल यह रहे कि बाजार में चाइनीज लडिय़ां खरीदने वालों का अकाल पड़ गया है।
मेड इन इंडिया बताकर कुछ ग्राहकों को दे दी चाइनीज लड़ी
हालांकि दुकानदारों ने चालाकी दिखाते हुए मेड इन इंडिया बताकर कुछ ग्राहकों को चाइनीज लड़ी ही थमा दी है लेकिन जिन्हें पता था कि यह मेड इन चाइना ही है उन्होंने इन्हें नहीं खरीदा। जिन्हें लड़ी नहीं मिली उन्होंने दीयों से ही काम चलाना उचित समझा। यही कारण रहा कि इस बार मोम के दीयों के साथ-साथ मिट्टी के दीए भी अधिक बिके।
क्या है इंडियन लड़ी की पहचान
पहचान आसानी से की जा सकती है। इंडियन लड़ी की तार कम से कम आधा एम.एम. मोटी होगी। जबकि चाइनीज लड़ी की तारें बेहद पतली होती हैं। इसी तरह चाइनीज लड़ी के बल्ब बेहद छोटे व रंग-बिरंगे होते हैं। इसी तरह भारतीय लड़ी के बल्ब आकार में चाइनीज लड़ी के बल्ब से दोगुने होंगे। सबसे खास बात यह है कि चाइनीज लड़ी का स्विच बेहद छोटा होता है और वहीं इंडियन लड़ी का स्विच बड़ा होता है।