Edited By Updated: 23 Feb, 2017 11:55 AM
जिले की एकमात्र चड्ढा शूगर मिल कीड़ी अफगाना द्वारा किसानों को समय पर गन्ना डिमांड पर्चियां न देने, बाहरी क्षेत्रों का गन्ना प्राथमिकता पर लेने के अतिरिक्त मिल गेट क्षेत्र के किसानों को पैनल्टी बॉण्ड जैसे गम्भीर आरोप किसानों ने लगाए।
काहनूवान/गुरदासपुर (विनोद): जिले की एकमात्र चड्ढा शूगर मिल कीड़ी अफगाना द्वारा किसानों को समय पर गन्ना डिमांड पर्चियां न देने, बाहरी क्षेत्रों का गन्ना प्राथमिकता पर लेने के अतिरिक्त मिल गेट क्षेत्र के किसानों को पैनल्टी बॉण्ड जैसे गम्भीर आरोप किसानों ने लगाए। इस संबंधी आज किसानों के एक प्रतिनिधिमंडल ने मोहन सिंह धंदल के नेतृत्व में पत्रकारों को बताया कि कीड़ी मिल प्रबंधकों द्वारा किसानों को बनती डिमांड पर्चियां नहीं दी जा रहीं।
मोहन सिंह ने बताया कि उसका इस बार 9 एकड़ गन्ना चीनी मिल ने बॉण्ड किया था, जिसकी कुल 19 पर्चियां बनती हैं, जिनमें से 8 पहली किस्म के गन्ने की और 11 पिछली किस्म के गन्ने की हैं। किसानों ने बताया कि अभी तक उन्हें मात्र 4 पर्चियां ही दी गई हैं, इसके अतिरिक्त 25 हजार रुपए पैनल्टी के तौर पर मिल ने काट लिए हैं। किसानों ने बताया कि मिल मालिकों द्वारा की जा रही धक्केशाही कारण उन्हें गन्ना डिमांड पर्चियों के लिए अदालत का सहारा लेना पड़ रहा है, इसलिए इस ज्यादती के विरोध में जिलाधीश, केन कमिश्नर पंजाब, पंजाब हाईकोर्ट के अतिरिक्त उपभोक्ता अदालत में भी मिल प्रबंधकों के विरुद्ध शिकायत भेजी गई है।
उन्होंने बताया कि मिल प्रबंधकों द्वारा पठानकोट, पनियाड़, दसूहा, मुकेरियां तथा बटाला क्षेत्र के काश्तकारों का गन्ना प्राथमिकता से उठाया जा रहा है। किसानों ने बताया कि अब गर्मी का सीजन शुरू होने वाला है। इसके अतिरिक्त गन्ना काटने वाली लेबर भी अपने घरों को वापस चली जाती है जिसके परिणामस्वरूप किसानों का गन्ना खेतों में ही खड़ा रहने का भय है। उन्होंने बताया मिल के इस व्यवहार कारण किसान गन्ना बीजने से भाग रहे हैं,जिस कारण गन्ने अधीन रकबा कम होने कारण मिल भी बंद हो सकती है। किसानों ने बताया कि इस गैर-जिम्मेदाराना व्यवहार के लिए मिल प्रबंधक पवन शर्मा मुख्य तौर पर जिम्मेदार है। इस सम्बन्धी जब एम.डी. शर्मा के साथ फोन पर बातचीत की गई तो उन्होंने कहा कि किसानों के आरोप बेबुनियाद हैं। किसानों को पर्चियां सरकार के निर्देशानुसार बने कैलेंडर अनुसार ही दी जा रही हैं लेकिन गेट क्षेत्र के किसानों को पैनल्टी लगाने के आरोपों का वह कोई स्पष्ट जवाब नहीं दे सके।