Edited By Punjab Kesari,Updated: 02 Oct, 2017 10:15 AM
कुछ दिन पहले गुरुग्राम के एक बज्जे के हुए कत्ल व दिल्ली में हुए दुष्कर्म के बाद अब बङ्क्षठडा में निजी स्कूलों के छात्रों की हुई किडनैपिंग के मामले के बाद भी शिक्षा विभाग व पुलिस प्रशासन छात्रों की सुरक्षा को लेकर गंभीर नहीं है.......
बठिंडा (सुखविंद्र): कुछ दिन पहले गुरुग्राम के एक बज्जे के हुए कत्ल व दिल्ली में हुए दुष्कर्म के बाद अब बङ्क्षठडा में निजी स्कूलों के छात्रों की हुई किडनैपिंग के मामले के बाद भी शिक्षा विभाग व पुलिस प्रशासन छात्रों की सुरक्षा को लेकर गंभीर नहीं है। भले ही पुलिस द्वारा अपराधियों को गिरफ्तार कर लिया गया है परन्तु फिर भी अपने बज्जों की सुरक्षा को लेकर अभिभावक घबराए हुए हैं। एक तरफ राज्य सरकार द्वारा सरकारी स्कूलों के बच्चों की संख्या बढ़ाने के लिए पढ़ाई नि:शुल्क की जा रही है परन्तु दूसरी तरफ सरकार द्वारा बच्चों की सुरक्षा को लेकर किए जा रहे दावे कुछ और व हालात कुछ और ही बयान कर रहे हैं।
जहां प्रशासन व शिक्षा विभाग द्वारा निजी स्कूलों व छात्रों की सुरक्षा को लेकर तरह-तरह के नियम लागू किए जा रहे हैं, वहीं सरकारी स्कूलों में सिक्योरिटी गार्ड, कैमरे आदि होना तो दूर की बात है अभी तक कई स्कूलों में चारदीवारी भी नहीं हो सकी है।
अधिकतर स्कूल चारदीवारी से विहीन
जिले के अधिकतर सरकारी स्कूल अभी भी चारदीवारी से विहीन हैं। गांव महता के स्कूल की चारदीवारी का कार्य गत लगभग 4 वर्ष से लटका पड़ा है। इसी तरह अन्य सरकारी स्कूलों की चारदीवारी की हालत भी दयनीय है। चारदीवारी न होने के कारण ‘सरकारी स्कूल’ स्कूल कम व बाड़े अधिक लग रहे हैं। कई स्कूलों में अध्यापकों और गांववासियों द्वारा दीवार के स्थान पर वाड़ लगाकर काम चलाया जा रहा है।
न सिक्योरिटी गार्ड न सी.सी.टी.वी.
सरकारी स्कूलों में छात्रों की सुरक्षा राम भरोसे ही है। सरकारी स्कूलों में न तो सिक्योरिटी गार्डों की सुविधा है और न ही सी.सी.टी.वी. कैमरों की। अधिकतर स्कू लों के गेट भी लगभग हर समय खुले ही रहते हैं जिस कारण छात्र व लोग स्कू ल में आम आते-जाते दिखाई देते हैं। गुरुग्राम, दिल्ली व बठिंडा में किडनैपिंग की घटना के बाद भी शिक्षा विभाग व प्रशासन सबक नहीं ले रहा।