Edited By Punjab Kesari,Updated: 15 Oct, 2017 09:14 AM
कृषि विभाग की सलाह को अमल में लाकर खेती करने वाले किसान हरजिंद्र सिंह ने इस क्षेत्र में बड़ी सफलता हासिल की है। पत्रकारों से बातचीत करते हुए हरजिंद्र सिंह रियाड़ ने बताया कि इस बार नैशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल द्वारा फसलों के अवशेषों को आग लगाकर जलाने पर...
बटाला (बेरी, विपन, अश्विनी, योगी, राघव, भल्ला): कृषि विभाग की सलाह को अमल में लाकर खेती करने वाले किसान हरजिंद्र सिंह ने इस क्षेत्र में बड़ी सफलता हासिल की है।
पत्रकारों से बातचीत करते हुए हरजिंद्र सिंह रियाड़ ने बताया कि इस बार नैशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल द्वारा फसलों के अवशेषों को आग लगाकर जलाने पर लगाई गई पाबंदी एवं पराली को संभालने के लिए अलग-अलग तकनीकों बारे कृषि विभाग द्वारा चलाए जा रहे व्हाट्सएप ग्रुप, जिसका वह सदस्य है, में चलती चर्चा से जान कर उसने फैसला किया कि ऐसी कृषि मशीनरी खरीदी जाए जो सस्ती, बढिय़ा एवं पराली संभालने में समर्थ हो।
उन्होंने बताया कि उसने अपने खेतों में पराली को आग लगाए बिना खेत तैयार किए हैं। उन्होंने बताया कि कुल 10 एकड़ में गन्ने की काश्त करने के लिए पराली को आग लगाए बिना खेत तैयार करने के लिए उसने पलटावी हल, रोटावेटर एवं तवियां का प्रयोग किया। रियाड़ ने बताया कि 15 युवा किसानों ने मिलकर कृषि मशीनरी खरीदी है जिससे कृषि करने के साथ-साथ अन्य किसानों की गेहूं की फसल को भी पराली को जलाए बिना जोता जाएगा। उन्होंने किसानों को अपील की कि खेत को तैयार करने के लिए महंगी मशीनरी की जगह छोटी एवं सस्ती खेती मशीनरी खरीदें।