Edited By Updated: 28 Apr, 2017 09:40 AM
जिला परिषद की तरफ से बनाई गई नेता जी सुभाष मार्कीट में स्ट्रीट लाइटें, सफाई व्यवस्था, बाथरूमों की सफाई व उसमें पानी न होने कारण मार्कीट की हालत दयनीय बनी हुई है।
फरीदकोट (चावला): जिला परिषद की तरफ से बनाई गई नेता जी सुभाष मार्कीट में स्ट्रीट लाइटें, सफाई व्यवस्था, बाथरूमों की सफाई व उसमें पानी न होने कारण मार्कीट की हालत दयनीय बनी हुई है। इस मार्कीट में 46 दुकानें हैं, जिनका किराया जिला परिषद ले रही है। इस मार्कीट में बनी दुकानों के आगे पड़ी खाली जगह कच्ची मिट्टी वाली होने के कारण आंधी वाले दिनों में मिट्टी उड़कर दुकानों के अंदर दाखिल हो जाती है, जिससे दुकानदारों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। इस संबंध में जानकारी देते हुए दुकानदारों तरसेम कुमार कटारिया प्रधान, केवल कृष्ण उप प्रधान, रघबीर सिंह सैक्रेटरी, बलहार सिंह खजांची, रवीन्द्र बुगरा, राजिन्द्र कुमार, राजेश कुमार, प्रदीप कुमार, बलवीर सिंह, लखवीर सिंह और ज्योति ग्रोवर ने बताया कि कई सालों से पेश आ रही मुश्किलों के संबंध में जुबानी और लिखित तौर पर जिला परिषद के कार्यकारी अधिकारी को अवगत करवाया जा चुका है।
इसके बावजूद कई सालों से कोई सुनवाई नहीं हो रही है। परिषद के कर्मचारी किराया लेने के लिए तो हर महीने आ जाते हैं परन्तु सुविधाएं देने के लिए असमर्थ हो जाते हैं। मार्कीट के दुकानदारों और राहगीरों ने डिप्टी कमिश्नर और जिला परिषद के कार्यकारी अफसर से मांग की कि वे बाथरूमों की सफाई, पानी की सप्लाई, स्ट्रीट लाइटों का प्रबंध, मार्कीट के आगे खाली पड़ी ग्राहकों की पार्किं ग वाली जगह पर इंटरलाकिंग टाइलें लगवाकर मार्कीट की सफाई की तरफ ध्यान दें जिससे पेश आ रही मुश्किलों को दूर किया जा सके। स्ट्रीट लाइट न होने से आग और चोरी की घटनाएं भी घटी हैं दुकानदारों ने यह भी बताया कि स्ट्रीट लाइट न होने के कारण कई बार मार्कीट में आग और चोरी की घटनाएं भी घट चुकी हैं।
मार्कीट के आसपास गंदगी ही पड़ी रहती है। इस मार्कीट में कोई सफाई सेवक नहीं आता है। दुकानों के बाहरी हिस्से व बाथरूमों की सफाई दुकानदार अपने खर्च पर कभी-कभी करवा लेते हैं परन्तु बाथरूमों में यूरिन वाले शैंक, हाथ धोने वाले शैंक, फ्लशों की टंकियों, टूटियों व पाइपों में कई सालों से पानी की सप्लाई न होने के कारण सफाई भी नहीं हो रही। इसी तरह महिला बाथरूम को ताला लगा दिया है। दुकानदारों ने बताया कि इसके नजदीक आरा मार्कीट, सरकारी रिहायशी क्वार्टर, अफसरों की कोठियों का रास्ता होने के बावजूद भी इस मार्कीट के आसपास रास्ते के राहगीरों और मार्कीट के दुकानदारों को आ रही मुश्किलों की तरफ भी कोई ध्यान नहीं दे रहा।