Edited By Punjab Kesari,Updated: 14 Dec, 2017 02:53 PM
हाईकोर्ट ने पंजाब सरकार द्वारा पिछली तिथि से बिजली दरें बढ़ाने के फैसले पर कड़े तेवर दिखाए हैं।
चंडीगढ़ः पंजाब एडं हरियाणा हाईकोर्ट ने पंजाब सरकार द्वारा पिछली तिथि से बिजली दरें बढ़ाने के फैसले पर कड़े तेवर दिखाते हुए पंजाब सरकार से कहा है कि क्यों न इस वृद्धि पर रोक लगा दी जाए। इससे राज्य के लोगों के लिए राहत की उम्मीद जगी है। हाईकोर्ट ने इस बारे में पंजाब सरकार, पंजाब स्टेट इलैक्ट्रिसिटी रेगुलेटरी कमीशन (पीएसईआरसी) और पंजाब स्टेट पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड (पीएसपीसीएल) को नोटिस जारी किया है।
बता दें कि पंजाब सरकार ने 23 अक्टूबर को बिजली दरों में 9.33 फीसद की औसत वृद्धि की थी। यह वृद्धि अप्रैल से लागू की गई थी। इसके खिलाफ राज्य के कई उद्योगपतियों ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। हाईकोर्ट ने याचिका पर सुनवाई करते हुए पंजाब सरकार सहित कर जवाब तलब किया है।
जस्टिस महेश ग्रोवर एवं जस्टिस राज शेखर अत्री की खंडपीठ ने यह नोटिस इस मामले को लेकर लुधियाना और मंडी गोबिंदगढ़ के 12 उद्योगपतियों की ओर से सीनियर एडवोकेट पुनीत जिंदल व एडवोकेट नेहा आनंद महाजन के जरिये दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए जारी किया है।
दायर याचिका में हाईकोर्ट को बताया गया है कि दरें बढ़ाते समय इससे दरें बढ़ाए जाने की नोटिफिकेशन के दिन के बाद से लागू किया जाता है, लेकिन इस मामले में सरकार सहित पी.एस.ई.आर.सी. और पी.एस.पी.सी.एल. ने इसे सात महीने पीछे 1 अप्रैल से ही लागू कर दिया और यह भी निर्देश दे दिए गए कि यह बढ़ी हुई दरें अक्टूबर 2017 से जून 2018 तक के उपभोक्ताओं के बिलों में किश्तों से वसूली जाएंगी।