Edited By Punjab Kesari,Updated: 25 Jul, 2017 02:24 AM
मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेन्द्र सिंह द्वारा पंजाब को अवैध माइनिंग को रोकने के लिए शिकायत मिलने....
लुधियाना(बहल): मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेन्द्र सिंह द्वारा पंजाब को अवैध माइनिंग को रोकने के लिए शिकायत मिलने पर संबंधित इलाके के माइनिंग अधिकारी और एस.एच.ओ. को सीधे सस्पैंड करने के आदेशों पर विरोध के स्वर उठने लगे हैं।
इसी कड़ी में इंडस्ट्री विभाग के पंजाब भर के ब्लाक लैवल प्रसार अफसरों की एक हंगामी मीटिंग जिला उद्योग केन्द्र में हुई। पंजाब स्टेट ब्लाक लैवल एक्सटैंशन ऑफिसर संघ के प्रधान बलविन्द्र सिंह, महासचिव राकेश पाठक समेत संघ पदाधिकारियों ने पंजाब सरकार के माइनिंग विभाग के प्रति कठोर और नकारात्मक रवैयों की सख्त निन्दा करते हुए कहा कि सरकार के इस बयान से बेहद परेशानी हुई है। पंजाब सरकार ने गजट नोटीफिकेशन नं. 47 सी.ए . 67-1957 और 26-2012 द्वारा माइनिंग एक्ट की धारा 21 और 22 अधीन पुलिस कार्रवाई करने संबंधी 17 अधिकारियों को पावर दी है।
बलविन्द्र सिंह और राकेश पाठक ने कहा कि इस नोटीफिकेशन में ब्लाक लैवल एक्सटैंशन अधिकारियों का नम्बर सूची में बिल्कुल आखिर में शामिल किया गया है। इसका मतलब है कि पहले 16 अधिकारियों की गैर-मौजूदगी में 17वें अधिकारियों द्वारा कार्रवाई करनी बनती है। लेकि न विभाग द्वारा हमेशा ब्लाक स्तर अफसरों को ही अवैध माइनिंग के केसों में एफ.आई.आर. दर्ज करने के लिए दबाव बनाया जाता है जबकि पंजाब सरकार द्वारा गैरकानूनी खनन को चैकिंग करने के लिए 6 अन्य विभागों को जिम्मेदारी दी गई है। लेकिन इन विभागों द्वारा माइनिंग विभाग को गैरकानूनी माइनिंग रोकने के लिए जिम्मेदार बताकर अपना पल्ला झाड़ लिया जाता है।
प्रधान बलविन्द्र और महासचिव पाठक ने कहा कि पूरे पंजाब में सरगर्म रेत माफिया द्वारा राज्य के विभिन्न जिलों में तैनात ब्लाक लैवल अधिकारियों को डराया और धमकाया जाता है। कई जगहों पर अधिकारियों पर माफिया ने हमले भी किए हैं लेकिन सरकार उन्हें सुरक्षा देने की बजाय सस्पैंड करने के बयान जारी कर उनका मनोबल गिरा रही है। मीटिंग में पदाधिकारियों प्रधान बलविन्द्र सिंह, राकेश पाठक, हरविन्द्र सिंह, हरप्रीत सिंह और अमरजीत राय खन्ना ने सरकार को अपील करते कहा कि माइङ्क्षनग का काम इंडस्ट्री विभाग से तुरंत वापस लिया जाए क्योंकि यह विभाग अतिरिक्त चार्ज के रूप में दिया गया है। इंडस्ट्री विभाग के अधिकारियों को उद्योगों से संबंधित कार्य ही सौंपा जाए।
पदधिकारियों ने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर सरकार द्वारा ब्लाक लैवल अधिकारियों पर अवैध माइङ्क्षनग संबंधी कार्य का दबाव बनाया गया तो उन्हें मजबूर होकर संघर्ष की राह पकडऩी पड़ेगी। मीटिंग में विभागीय परेशानियों पर भी चर्चा की गई और पे-स्केलों एवं फिक्स मात्रा भत्ते में वृद्धि के लिए पे-कमीशन को भी निजी तौर पर मिलकर मांग पत्र देने का फैसला लिया गया।