Edited By Updated: 19 Jan, 2017 10:52 AM
पंजाब चुनावों को लेकर गायक गिप्पी ग्रेवाल से पूछा गया कि वह कैसा पंजाब चाहते हैं तो उन्होंने कहा कि मेरे सपनों का पंजाब एक ऐसा पंजाब है जो क्राइम फ्री, नशा फ्री व रोजगार युक्त है।
जालंधरःपंजाब चुनावों को लेकर गायक गिप्पी ग्रेवाल से पूछा गया कि वह कैसा पंजाब चाहते हैं तो उन्होंने कहा कि मेरे सपनों का पंजाब एक ऐसा पंजाब है जो क्राइम फ्री, नशा फ्री व रोजगार युक्त है। यह एक ऐसा पंजाब है जो आज भी गुरुओं के दर्शाए मार्ग पर चलता है। मेरे सपनों के पंजाब के लोग आज भी अपनी विरासत से जुड़कर भाईचारक सांझ के साथ गांवों में मेले मनाते हैं, पर अगर मैं बात करूं सपनों से बाहर के पंजाब की तो मौजूदा पंजाब के अधिकतर लोगों को यह तक नहीं पता कि उनके पड़ोस में कौन रह रहा है। लोग अपने विरसे व विरासत को भूलते जा रहे हैं।
एक पुरातन समय था जब त्यौहारों व अन्य समारोहों से कई दिन पहले ही लोग जुटने शुरू हो जाते थे। कई-कई दिन एक त्यौहार को मनाया जाता था। 20वीं सदी के आखिरी दशक तक विवाह व अन्य समारोहों में रोनकें बिल्कुल वैसी ही थीं जैसे पुरातन पंजाब में होती थीं। लोगों में चाव व उत्साह देखने को मिलता था लेकिन फिर आया राज्य में मोबाइल युग जिसने लोगों की जिंदगी ही बदल कर रख दी। यह दौर केवल मोबाइल का ही नहीं, यह दौर था सोशल मीडिया का, तेजी का व तरक्की का। पंजाब ने इस समय दौरान बेहद तरक्की की। पंजाब वासी ही नहीं दुनिया इस दौर में तेजी से आगे निकली पर इस दौरान पंजाबियों की भाईचारक सांझ, रिश्ते नाते, त्यौहारों व समारोहों के चाव कहीं न कहीं पीछे ही छूट गए।
बेशक इस तरक्की ने पंजाबियों को बेहद फायदा पहुंचाया लेकिन स्टेटस सिम्बल की दौड़ में लोग ऐसे फंसे कि उन्हें यह भी नहीं पता चला कि वे अपनी विरासत को कहां छोड़ आए। कई लोग सोशल मीडिया से ऐसे जुड़े हैं कि उनका ध्यान हर वक्त अपने मोबाइल व अन्य उपकरणों पर रहता है। मैं भी ऐसा ही करता था और अपने परिवार को समय नहीं दे पा रहा था, पर मैं जब कुछ कार्य के लिए विदेश गया तो मुझे एहसास हुआ कि मैंने अपने परिवार व अन्य रिश्तेदारों को कहीं छोड़ दिया है। उस दिन से लेकर आज तक मैं सोशल मीडिया को सुबह और शाम सिर्फ अखबार की तरह देखता हूं।
मैं कोशिश करता हूं कि अपना अधिक समय परिवार को दूं। मैं जब भी विदेश जाता हूं तो वहां घर दिलवाने वाले सबसे पहले यह बात कहते हैं कि यह एरिया क्राइम फ्री व साफ वातावरण वाला है। मैं चाहता हूं कि पंजाब भी ऐसा ही बने। पंजाब में फैल रहे नशों के लिए बेरोजगारी कहीं न कहीं जिम्मेदार है। सरकार कोई भी बने वह नौजवानों को रोजगार व किसानों को बनती सुविधाएं अवश्य दे। अंत में वोट डालने जाने वाले लोगों से यही कहूंगा कि मतदान अपनी इच्छा से ही करें। आशा करता हूं कि आने वाला पंजाब खुशहाल, अपराध मुक्त व नशा मुक्त हो।
असी हारो हंबे आं, ओए लोक बीमार जेहे
असी अज्ज वी जींदे आं, फसलां दी मार जेहे
साढे पैर रोडयां ते, सिरों कारां चल्लदियां ने
साढे ही पैसे ते सरकारां चलदियां ने
सब रले कबूतर ने चिट्टे ते गोले होए
सानू भाह बदामा दे, वेचण ए छोले ओए
मुहों मिट्ठा बोलण जो एह शकलां कल दियां ने
साढे ही पैसे ते सरकारां चलदियां ने
धन साडा जा दबया इनां विच विदेशा दे
असी मर के लाऊंदे ओए कर्जे परदेसां दे
सानू फिक्र है रोटी दा जद शामां ढलदियां ने
साढे ही पैसे ते सरकारां चलदियां ने -गायक गिप्पी ग्रेवाल