Edited By Punjab Kesari,Updated: 22 Nov, 2017 11:16 PM
मुख्यमंत्री कै. अमरेंद्र सिंह के नेतृत्व में मंत्रिमंडल ने राज्य में कृषि विविधता को प्रोत्साहन देने और ग्रामीण बुनियादी ढांचे को मजबूत बनाकर ऋण को लेकर दबे किसानों को राहत देने के लिए विभिन्न संशोधनों को स्वीकृति दे दी है। बुधवार को हुई मंत्रिमंडल...
चंडीगढ़(पराशर): मुख्यमंत्री कै. अमरेंद्र सिंह के नेतृत्व में मंत्रिमंडल ने राज्य में कृषि विविधता को प्रोत्साहन देने और ग्रामीण बुनियादी ढांचे को मजबूत बनाकर ऋण को लेकर दबे किसानों को राहत देने के लिए विभिन्न संशोधनों को स्वीकृति दे दी है। बुधवार को हुई मंत्रिमंडल की मीटिंग के बाद एक सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि विधानसभा के आगामी सत्र में इस संबंधी आवश्यक बिल पेश किए जाएंगे।
प्रवक्ता ने बताया कि यह फैसला ग्रामीण विकास फीस की दर 2 प्रतिशत से बढ़ाकर 3 प्रतिशत किए जाने के लिए ‘द पंजाब रूरल डिवैल्पमैंट एक्ट-1987’ की धारा 51 (1) और ऋण में डूबे किसानों को राहत मुहैया करवाने के लिए ‘द पंजाब एग्रीकल्चर प्रोड्यूस मार्कीट एक्ट-1961 की धाराओं 23 (1), 26 और 28 में संशोधन से संबंधित है। उन्होंने बताया कि पहला संशोधन वस्तुओं के उत्पादन और उत्पादकों के हित सुरक्षित करने व ग्रामीण विकास फंड को ऋण के बोझ तले दबे किसानों को राहत मुहैया करवाने के लिए प्रयोग करने में सहायक होगा।
मार्कीट फीस खेती उत्पादन के बेहतर मंडीकरण और रख-रखाव के लिए होगी खर्च: उन्होंने बताया कि एकत्रित की गई मार्कीट फीस खेती उत्पादन के बेहतर मंडीकरण और इसकेबुनियादी ढांचे के विकास व रख-रखाव के लिए खर्च की जाएगी। इस फीस को मक्का सुखाने वाली मशीनों, कृषि उत्पादन की दर्जाबंदी, पके फलों को कोल्ड स्टोरेज में रखने के अलावा लिंक सड़कों की मुरम्मत के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है।
ऋण तले दबे किसानों को मिलेगी सहायता: ‘द पंजाब एग्रीकल्चर प्रोड्यूस मार्कीट एक्ट-1961’ में यह संशोधन ऋण तले दबे किसानों की मुश्किलों का हल निकालने के साथ-साथ उनको उत्पादन का बेहतर मूल्य देने के लिए सहायक होगा। इसके अलावा मंडीकरण को विश्व स्तर पर हो रहे आधुनिक तौर-तरीकों के अनुसार लागू किया जाएगा।