शिअद से कोई राजनीतिक समझौता नहीं और न ही ‘आप’ नेता सुखबीर के जाल में फंसे: फूलका

Edited By Punjab Kesari,Updated: 26 Jun, 2017 03:00 AM

not a compromise with shiad nor is a leader trapped in the trap of sukhbir

पंजाब विधानसभा में विपक्ष के नेता तथा आम आदमी पार्टी के लीडर एच.एस......

चंडीगढ़: पंजाब विधानसभा में विपक्ष के नेता तथा आम आदमी पार्टी के लीडर एच.एस. फूलका ने कहा है कि सदन के बजट सत्र के दौरान अकाली-भाजपा नेताओं द्वारा ‘आप’ विधायकों की सहायता के लिए आगे आने का यह कदापि अर्थ नहीं है कि दोनों के बीच कोई राजनीतिक समझौता या तालमेल हो गया है। उन्होंने इस बात से भी इंकार किया कि सदन में घटनाक्रम के दौरान ‘आप’ नेता अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल द्वारा बिछाए गए जाल में फंस कर रह गए हैं। 

‘स्पीकर के निष्कासन के आदेश केवल खैहरा व बैंस से संबंधित थे’
फूलका ने कहा कि जब स्पीकर राणा के.पी. सिंह ने ‘आप’ विधायकों को नेम करने के पश्चात सदन से चले जाने को कहा तो वह बाहर आ गए थे लेकिन सुखबीर ने उन्हें यह कहकर वापस सदन में बुला लिया कि स्पीकर ने उन्हें सदन के निष्कासन संबंधी कोई आर्डर नहीं दिया। फूलका ने कहा कि उन्होंने खुद इस बात की तस्दीक की कि स्पीकर का निष्कासन संबंधी नोटिस केवल ‘आप’ विधायक सुखपाल सिंह खैहरा तथा लोक इंसाफ पार्टी के सिमरजीत सिंह बैंस से ही संबंधित था इसलिए वह वापस सदन में आ गए जिसका स्पीकर ने गंभीर नोटिस लेते हुए उन्हें मार्शलों के जरिए सदन से बाहर भिजवा दिया। इस दौरान वॉच एंड वार्ड स्टाफ के बीच झड़पें भी हुईं। 

‘आप’ विधायकों द्वारा सुखबीर का साथ देने से जनता में गया गलत संदेश: बैंस
उधर लोक इंसाफ पार्टी के विधायक सिमरजीत सिंह बैंस ने कहा कि फूलका तथा अन्य ‘आप’ विधायकों द्वारा सुखबीर की गाड़ी में सवारी करना बहुत बड़ी गलती है। इससे जनता में बहुत गलत संदेश गया है। अकालियों ने अपने 10 वर्ष के कार्यकाल के दौरान न जाने कितने लोगों की पगडिय़ां उतारी हैं और उन पर पुलिस के जरिए हिंसक हमले करवाए हैं। अब वे किस मुंह से सिखी और पगडिय़ों के रक्षक बनने का प्रयास कर रहे हैं। 

सदन में अपनी भूमिका को लेकर भी 2 धड़ों में बंट गई थी ‘आप’
पार्टी हलकों का कहना है कि फूलका सदन में किसी भी प्रकार के विरोध, वाकआऊट या धरने के पक्ष में नहीं हैं। स्वर्गीय के.पी.एस. गिल (डी.जी.पी. पंजाब) को श्रद्धांजलि दिए जाने के मुद्दे पर फूलका का स्टैंड यह था कि हमें इसका विरोध नहीं करना चाहिए क्योंकि यह अकालियों का मुद्दा है लेकिन ‘आप’ के बागी स्वभाव के विधायक सुखपाल सिंह खैहरा ने यह स्टैंड लिया कि ‘आप’ को न केवल गिल को दी जाने वाली श्रद्धांजलि बल्कि अकालियों का भी विरोध करना चाहिए। इस मुद्दे पर ‘आप’ विधायक दल में वोटिंग भी हुई जिसमें 16 विधायकों ने खैहरा के स्टैंड का समर्थन किया। 

आम आदमी पार्टी के अंदर कानाफूसी शुरू
आम आदमी पार्टी में फूलका द्वारा बजट सत्र के दौरान निभाई गई भूमिका और उनके नेतृत्व को लेकर कानाफूसी शुरू हो गई है। पार्टी हलकों का कहना है कि सदन की कार्रवाई संबंधी कायदे-कानूनों से नावाकिफ होने के कारण पंजाब के ज्वलंत मुद्दों पर ‘आप’ के विधायक न केवल अपनी आवाज बुलंद करने से वंचित रह गए बल्कि अकालियों को भी सदन के अंदर व बाहर छाने का अवसर प्रदान कर दिया।

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