Edited By Punjab Kesari,Updated: 30 Aug, 2017 10:28 AM
भले ही मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह ने सरकार बनने से पहले चुनावी मुहिम के अंतर्गत भारी जनसभा में गुटका साहिब पर हाथ रख कर यह कसम खाई थी
मक्खू (स.ह.): भले ही मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह ने सरकार बनने से पहले चुनावी मुहिम के अंतर्गत भारी जनसभा में गुटका साहिब पर हाथ रख कर यह कसम खाई थी कि पंजाब में कांग्रेस सरकार बनने पर एक महीने में पंजाब में से ‘चिट्टा’ खत्म करके पंजाब की नशे की दलदल में फंसी जवानी को बचाया जाएगा और सरकार का कोई भी मंत्री, नुमाइंदा या पार्टी के साथ जुड़ा कोई भी नेता चिट्टे के व्यापारियों की कोई मदद नहीं करेगा बल्कि चिट्टा बेचने वालों का पता लगने पर उनको जेल की सलाखों के पीछे भेजा जाएगा परन्तु इन दावों के बिल्कुल उलट कांग्रेस के सत्ता में आने के 5 महीने बीत जाने के बावजूद चिट्टा बेचने वालों की संख्या कई गुना हो गई और चिट्टा दिन-दिहाड़े बिक रहा है।
क्या कहते हैं किसान नेता
भाकियू मान के जिला प्रधान जगतार सिंह जल्लेवाला, ब्लाक प्रधान गुरदेव सिंह वारसवाला, सुच्चा सिंह मैंबर वर्किंग समिति पंजाब, जसवंत सिंह गट्टा खजांची, भारतीय किसान यूनियन राजेवाल के यूथ टेढ़ापन के प्रधान लखविन्द्र सिंह पीरमोहम्मद ने कहा कि चिट्टे का धंधा मक्खू ब्लाक के गांवों व शहर में पहले की अपेक्षा कई गुना बढ़ गया है और नौजवान पीढ़ी इसका शिकार होकर अंधकार के रास्ते का ओर बढ़ रही है।
उन्होंने बताया कि जहां किसान सरकार की गलत नीतियां, महंगाई और फसल का पूरा मूल्य न मिलने के कारण कर्ज की मार तले आकर खुदकुशियां कर रहा है, वहीं इन खुदकुशियों में सरेआम बिक रहे चिट्टे का भी पूरा योगदान है। किसान नेताओं ने दुख प्रकट किया कि सरकार पता नहीं किन कारणों से इस तरफ ध्यान नहीं दे रही और पुलिस द्वारा सख्त एक्शन न लिए जाने के चलते यह धंधा दिन-प्रतिदिन बढ़ रहा है।
राजनेताओं की सिफारिश पर छोड़ दिए जाते हैं आरोपी
चिट्टा बेचने के धंधे में जुड़े लोगों को सरपरस्ती देने वाले भी कैप्टन सरकार के ही नेता हैं जिसकी उदाहरण मक्खू शहर में मिलती है। शहर में पुराने डाकखाने वाली गली के नजदीक रहते चिट्टे का धंधा करने वाले एक नौजवान जिसने शहर के सैंकड़ों ही नौजवानों को चिट्टे की लत लगा कर उनकी जिंदगी बर्बाद करने में मुख्य भूमिका निभाई है और उसको पुलिस की तरफ से 3-4 बार पकडऩे के बावजूद राजनीतिक नेताओं की सिफारिश पर छोड़ दिया जाता है।
सांसियों विरुद्ध कार्रवाई से रोका जा रहा पुलिस को
इसी तरह मक्खू शहर की ईसानगरी के अलावा सुस्त चौकी और रसूलपुर गांव की बस्ती सांसियों में भी बड़े स्तर पर चिट्टे का धंधा प्रतिदिन चल रहा है परंतु सत्ता का आनंद ले रहे नेताओं द्वारा पता नहीं कौन-से कारणों के चलते स्थानीय पुलिस को इनके विरुद्ध कार्रवाई करन से रोका जा रहा है?
जबकि उनका फर्ज यह बनता है कि चिट्टा बेच के लोगों के घर और नौजवान पीढ़ी को उजाडऩे वाले इन समाज विरोधी तत्वों को कैप्टन की तरफ से किए गए वायदों को पूरा करने के लिए खुद इन तत्वों के विरुद्ध कार्रवाई करवानी चाहिए।
चिट्टे के मामलों में मक्खू शहर भी बना दूसरा दौलेवाला
गांव रसूलपुर की बस्ती सांसियों जो कि चिट्टा बेचने के मामलों में पंजाब के सबसे बदनाम गांव दौलेवाला जिला मोगा को भी पीछे छोड़ती जा रही है। इस गांव के पूर्व सरपंच और मौजूदा नंबरदार जसवंत सिंह शोभा ने दुखी मन के साथ बताया कि क्या करें, इन चिट्टे के व्यापारियों को कोई पकड़ नहीं रहा है और यदि कोई पुलिस पकड़ती भी है, तो राजनीतिक सिफारशों के चलते पुलिस की तरफ से इनको छोड़ दिया जाता है। चिट्टे के तस्कर विरोध करने वालों को भी नहीं बख्शते।
क्या कहना है सामाज सेवियों का
कामरेड नेताओं जिनमें सी.पी.आई. के जिला सचिव कामरेड कश्मीर सिंह अराइआंवाला आदि का कहना है कि चिट्टा बेचने का जो आरोप कांग्रेसी नेता अकालियों पर लगाते थे, आज वही आरोप पंजाब की जनता कांग्रेसियों पर लगा रही है जिससे यह साबित होता है कि ये सभी राजनीतिक लोग एक ही थाली के चट्टे-बट्टे हैं और सत्ता में आकर इन्होंने अपनी ही जेबें गर्म करनी होती हैं।
पुलिस चिट्टे का धंधा करने वाले समाज विरोधी तत्वों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई कर रही है और चिट्टे के धंधों में पड़े किसी भी समाज विरोधी तत्व को बख्शा नहीं जाएगा, चाहे उसकी सिफारिश कोई भी बड़े पद वाला नेता करे। मुख्यमंत्री की तरफ से सख्त आदेश हैं कि नशों के मामलों में किसी की कोई सिफारिश न मानी जाए और न ही पुलिस नशों के मामलों में किसी की सिफारिश मानती है। -जिला पुलिस प्रमुख गौरव गर्ग